संजय राय पेशे से पत्रकार हैं और वह समसामयिक विषयों पर लिखते रहते हैं।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई और महाराष्ट्र,, कभी समाजवादी नेताओं और श्रमिक आन्दोलनों का केंद्र हुआ करते थे, लेकिन आज राजनीति का रंग बदलकर कुछ और हो चुका है।
पृथक विदर्भ की पहेली अभी भी अनसुलझी है। जिस पृथक विदर्भ आंदोलन के नारे कभी बीजेपी नेताओं का जोश बढ़ाते थे आज इन्हीं नारों पर उन्हें ग़ुस्सा आ रहा है।
भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के लोकसभा चुनाव से पूर्व शीर्ष स्तर पर किये गए गठबंधन का ज़मीनी स्तर पर विरोध अब सामने आने लगा है।
महाराष्ट्र की राजनीति में बीजेपी-शिवसेना गठजोड़ को हराने के लिए कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस आघाडी यानी गठबंधन की नज़र प्रकाश आम्बेडकर-असदउद्दीन ओवैसी की वंचित आघाडी पर है।