बसपा एक बार फिर 2007 के प्रयोग को दोहराने की तैयारी कर रही है। इसके लिए पूरे प्रदेश में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन का आयोजन किया गया। समापन समारोह में पार्टी सुप्रीमो मायावती ने ब्राह्मणों को आश्वासन दिया कि उनका राज आया तो ब्राह्मण पर कोई अत्याचार नहीं होगा और बीजेपी राज में ब्राह्मणों पर अत्याचार करने वाले अधिकारियों को सज़ा दी जाएगी।
ज़मीनी स्तर पर ब्राह्मण, राजपूत और यादव एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी हैं। आम तौर पर ये तीनों जातियाँ किसी एक पार्टी के साथ नहीं रहती हैं। लंबे समय तक ब्राह्मण कांग्रेस के साथ थे।
पार्टी में किसी भी नेता का क़द नहीं बढ़ने देने वाली मायावती इन दिनों सतीश मिश्रा को कंधों पर उठाकर घूम रही हैं। सतीश मिश्रा ने ही 2007 में ब्राह्मणों को बसपा का समर्थक बनाया था। ब्राह्मण बीजेपी से नाराज़ लग रहे हैं तो बसपा उसका फ़ायदा उठाने में जुट गयी है।