डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ़ का सामना करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने स्वदेशी अपनाने का आग्रह करते हुए स्वदेशी की ही परिभाषा ख़तरनाक ढंग से बदल डाली है। उनका कहना है कि किसी काम में पैसा चाहे जो भी लगाए- चाहे डॉलर लगाए या पौंड लगाए, लेकिन अगर उसमें भारतीयों का पसीना लगा है तो वह उद्यम स्वदेशी है। इस तर्क से उन्होंने जापानी उद्यम वाली सुजुकी को भी भारतीय घोषित कर दिया है। 


वाकई कभी मारुति भारतीय होती थी, अब भी वह भारतीयों की पसंदीदा गाड़ी है- भारत में कारों के जनतंत्रीकरण का श्रेय उसी को जाता है, लेकिन सुजुकी की मिल्कियत के बाद उसे स्वदेशी मान लेंगे तो बहुत सारे अन्य उद्यमों को भी आपको स्वदेशी मानना होगा। इस तर्क से फिर हिंदुस्तान लीवर के उत्पाद भी स्वदेशी हैं, बाटा भी स्वदेशी है, ऐप्पल के फोन स्वदेशी हैं।