कोरोना संकट के दौरान एक ओर जहां केंद्र और राज्य सरकारों के बीच आपसी सहयोग की कमी की शिकायत आई, वहीं विपक्षी दल भी इस दौरान एकजुट नहीं दिखाई दिए। शुक्रवार को कोरोना संकट को लेकर बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक से मायावती की बहुजन समाज पार्टी, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और दिल्ली में सरकार चला रही अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने दूरी बनाए रखी।
कोरोना: विपक्षी दलों की बैठक से क्यों दूर रहे सपा, बसपा और आप?
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- 22 May, 2020
सपा और बसपा उत्तर प्रदेश में प्रियंका की बढ़ती सक्रियता से परेशान हैं तो केजरीवाल मोदी सरकार के साथ बन रही अपनी ‘कैमिस्ट्री’ को बर्बाद नहीं करना चाहते।

प्रियंका की सक्रियता से परेशान!
आइए, समझते हैं कि ऐसा क्यों हुआ। पहले बात करते हैं सपा और बसपा के बारे में। सपा और बसपा मूल रूप से उत्तर प्रदेश की राजनीति करती हैं। ये 2019 का लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ी थीं और उसके बाद अलग भी हो गईं। लेकिन अलग होने के बाद भी इनका सियासी प्रतिद्वंद्वी एक ही है और वह है कांग्रेस। वैसे, इनकी सियासी लड़ाई बीजेपी से भी है लेकिन पहले नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) और अब कोरोना संकट के दौरान जिस तरह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में सक्रियता बढ़ाई है, उससे ये दोनों दल ख़ासे परेशान दिखते हैं।