महाराष्ट्र में मुसलमानों को शिक्षण संस्थाओं या नौकरियों में किसी भी तरह का आरक्षण नहीं मिलता है। लेकिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस मुद्दे को नांदेड़ की अपनी रैली में कल शनिवार को उठाया था। उन्होंने मोदी की शैली में भीड़ से पूछा कि क्या मुसलमानों को आरक्षण दिया जाए। भीड़ ने जो ज्यादातर भाजपा कार्यकर्ता और समर्थक थे, उन्होंने जवाब दिया-नहीं, नहीं। इसके बाद अमित शाह ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लिए आरक्षण संविधान के खिलाफ है। भाजपा का मानना ​​है कि मुसलमानों के लिए आरक्षण "नहीं होना चाहिए।" महाराष्ट्र में बेमौसम आरक्षण के मुद्दे को आखिर उठाने की वजह क्या है। अमित शाह अभी से ही क्यों इसे मुद्दा बनाना चाहते हैं।