बिजली संकट की कितनी बड़ी समस्या आन खड़ी हुई है? इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि बिजली की कमी, ब्लैकआउट के बीच कोयले की तेज गति से ढुलाई के लिए 42 ट्रेनों को अगले आदेश तक रद्द करना पड़ा है। दिल्ली में बिजली उत्पादन इकाइयों के पास एक दिन से भी कम का कोयला बचा है। सवाल है कि यदि समय पर कोयला नहीं मिला तो क्या राष्ट्रीय राजधानी में श्रीलंका जैसा ब्लैकआउट होने की संभावना तो नहीं है? श्रीलंका में हाल में बिजली का ऐसा संकट आया कि वहाँ चारों तरफ़ हाहाकार मच गया था और बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हुए थे। सवाल है कि अब भारत में ऐसे हालात कैसे बन गए कि बिजली इकाइयों के पास एक दिन से भी कम का कोयला बचा है और कोयले की ढुलाई के लिए यात्री ट्रेनों को रद्द करना पड़ रहा है?