पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच भारत में बड़ी हलचल है। केंद्र ने कई राज्यों को 7 मई को नागरिकों के लिए 'दुश्मन हमले' की स्थिति में मॉक ड्रिल करने को कहा है। ऐसा मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है। जिस तरह की मॉक ड्रिल करने को कहा गया है, वैसी ड्रिल दशकों से नहीं हुई है। कहा तो यह भी जा रहा है कि इस तरह की ड्रिल आख़िरी बार 1971 में तब हुई थी जब पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भारत दो मोर्चे पर युद्ध लड़ रहा था।

रिपोर्ट है कि मंत्रालय ने राज्यों से हवाई हमले की वार्निंग सायरन को चालू करने और नागरिकों व छात्रों को सिविल डिफेंस के पहलुओं पर प्रशिक्षण देने को कहा है ताकि शत्रु हमले की स्थिति में वे अपनी रक्षा कर सकें।

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रिपोर्टों में कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने देश के कई राज्यों को 7 मई को नागरिकों के लिए सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है, ताकि दुश्मन के हमले की स्थिति में तैयारियों का आकलन किया जा सके। यह निर्देश हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के बाद आया है, जिसमें पाकिस्तान से प्रशिक्षित आतंकवादियों ने 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी। इस हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव है।

गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, मॉक ड्रिल का उद्देश्य सिविल डिफेंस की तैयारियों को मज़बूत करना और नागरिकों को आपात स्थिति में व्यवस्थित और सुरक्षित इवैकुएशन के लिए तैयार करना है।

मॉक ड्रिल में क्या होगा?

  • राज्यों को निर्देश दिया गया है कि वे हवाई हमले के सायरन का परीक्षण करें ताकि नागरिकों को आपात स्थिति में सचेत किया जा सके।
  • स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थानों पर नागरिकों, खासकर छात्रों को इवैकुएशन, प्राथमिक चिकित्सा और आश्रय लेने जैसी सिविल डिफेंस प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण दिया जाए।
  • मॉक ड्रिल में पुलिस, अग्निशमन विभाग, और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल जैसी एजेंसियों की समन्वित प्रतिक्रिया का मूल्यांकन किया जाए।

गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे जिला कलेक्टरों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन में इन ड्रिल को आयोजित करें। मंत्रालय ने यह भी निर्देश दिया कि ड्रिल के दौरान सभी प्रतिभागियों को सुरक्षित इवैकुएशन मार्गों, आपातकालीन संचार और बुनियादी जीवन रक्षा तकनीकों से परिचित कराया जाए।

यह निर्देश पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद आया है। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूहों ने ली थी। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया और पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा सलाहकारों को 'पर्सोना नॉन ग्राटा' घोषित किया। जवाब में पाकिस्तान ने भारत के लिए अपनी हवाई सीमा बंद कर दी। इस तनावपूर्ण स्थिति में गृह मंत्रालय ने साइबर हमलों और आतंकी ख़तरों के मद्देनज़र सिविल डिफेंस को मज़बूत करने का फ़ैसला लिया है।

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गृह मंत्रालय ने विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात, और राजस्थान जैसे उन राज्यों को मॉक ड्रिल आयोजित करने को कहा है जो सीमावर्ती क्षेत्रों में हैं या आतंकी ख़तरों के प्रति संवेदनशील हैं। हालांकि, अन्य राज्यों को भी इस अभ्यास में शामिल होने के लिए कहा गया है ताकि राष्ट्रव्यापी तैयारियों को मजबूत किया जा सके।

गृह मंत्रालय का 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश भारत की सिविल डिफेंस तैयारियों को मज़बूत करने की दिशा में एक अहम क़दम है। पहलगाम हमले और साइबर ख़तरों के बाद यह क़दम समय की मांग है। हालाँकि, इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि इसे कितनी प्रभावी ढंग से लागू किया जाता है और नागरिकों को कितना जागरूक और प्रशिक्षित किया जाता है।