ECI Vote Chori Gyanesh Kumar: चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के सीईसी ज्ञानेश कुमार पर लगाए आरोपों को बेबुनियाद कहा है। गांधी ने सीईसी पर वोटों चोरों की रक्षा करने का आरोप लगाया है। आयोग कोई ठोस सबूत नहीं दे पाया, बस उसने बयान जारी कर दिया।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार गुप्ता
निर्वाचन आयोग ने लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी)
ज्ञानेश कुमार पर लगाए गए आरोपों को 'गलत और बेबुनियाद' करार देते हुए खारिज कर दिया है। राहुल गांधी ने मतदाता हटाने के घोटाले में सीईसी का वोट चोरों को संरक्षण देने का आरोप लगाया था। लेकिन आयोग ने स्पष्ट किया कि कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन मतदाता हटाने की प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकता। इसी बीच बीजेपी ने भी चुनाव आयोग का खुलकर बचाव किया।
कोई भी प्रक्रिया में दखल नहीं दे सकताः ईसीआई
निर्वाचन आयोग ने अपने बयान में राहुल गांधी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, "राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप गलत और बेबुनियाद हैं। कोई भी व्यक्ति जनता के किसी सदस्य द्वारा ऑनलाइन वोट हटाने की प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकता, जैसा कि राहुल गांधी ने गलतफहमी में कहा है।" आयोग ने आगे स्पष्ट किया कि कोई भी मतदाता को हटाने की कार्रवाई बिना प्रभावित व्यक्ति को सुनवाई का मौका दिए नहीं की जा सकती।आलंद में धोखाधड़ी की बात मानी आयोग ने
आयोग ने कर्नाटक के आलंद निर्वाचन क्षेत्र के मामले का विशेष जिक्र किया। उन्होंने स्वीकार किया कि 2023 में वहां मतदाताओं को धोखाधड़ी से हटाने के प्रयास हुए थे, लेकिन ये प्रयास विफल रहे। आयोग ने इस मामले में प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करवाकर जांच कराई। आयोग ने यह भी बताया कि आलंद में हुए चुनाव निष्पक्ष रहे, जहां 2018 में भाजपा के सुभाष गट्टेदार विजयी हुए थे और 2023 में कांग्रेस के बीआर पाटिल ने जीत हासिल की।राहुल गांधी ने गुरुवार 18 सितंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ये आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया कि देशभर में सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके मतदाताओं को व्यवस्थित रूप से हटाया जा रहा है। उन्होंने कर्नाटक के आलंद और महाराष्ट्र के राजुरा निर्वाचन क्षेत्रों का उदाहरण देते हुए कहा कि 'वोट चोरी' की घटनाएं हो रही हैं। गांधी ने कहा, "निर्वाचन आयोग को पता है कि ये कौन कर रहा है। वे लोकतंत्र के हत्यारों का बचाव कर रहे हैं।" उन्होंने वादा किया कि जल्द ही 'वोट चोरी' पर एक 'हाइड्रोजन बम' जैसा सबूत पेश करेंगे।
राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि कर्नाटक की अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने पिछले 18 महीनों में 18 बार आयोग को मतदाता हटाने से जुड़ी तकनीकी जानकारी के लिए पत्र लिखा, लेकिन आयोग ने कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने सीईसी ज्ञानेश कुमार पर 'वोट चोरों' को संरक्षण देने का इल्जाम लगाया और कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र को नष्ट करने वालों का बचाव है।
बीजेपी खुलकर चुनाव आयोग के बचाव में उतरी
बीजेपी ने गुरुवार को विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर पलटवार किया। भाजपा ने उन पर ऐसे आरोप लगाकर देश के मतदाताओं का "अपमान" करने का आरोप लगाया और कहा कि जनता उन्हें करारा जवाब देगी। साथ ही, भाजपा ने ज़ोर देकर कहा कि उनके सारे "बम" नहीं फटेंगे। हालांकि बीजेपी ने राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों पर कोई ठोस बात नहीं कही।
राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा- "क्या राहुल गांधी संविधान समझते हैं? वह सुप्रीम कोर्ट गए। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किए। क्या उन्होंने कोई दांव लगाया? उन्हें न तो कानून की समझ है और न ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की। वह केवल 'संविधान, संविधान' चिल्लाते हैं... मुख्य बात स्पष्ट है; अगर राहुल गांधी को वोट नहीं मिलते, तो हम क्या कर सकते हैं? देश उनके कार्यों को कभी नहीं भूलेगा। वह विपक्ष के नेता हैं। उनके कुछ मूल्य होने चाहिए... वह देश के मतदाताओं का अपमान कर रहे हैं... जनता उन्हें फिर से करारा जवाब देगी। उनके सारे बम धराशायी हो जाएँगे। वह किसी पर भरोसा नहीं करते... मैं इसकी निंदा करता हूँ।"
यह विवाद चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को लेकर उठा है, जहां विपक्ष लगातार आयोग पर पक्षपातपूर्ण होने का आरोप लगा रहा है। राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मतदाता हटाने से जुड़े कुछ व्यक्तियों को भी पेश किया था। निर्वाचन आयोग का यह जवाब राजनीतिक बहस को और तेज करने वाला माना जा रहा है, खासकर बिहार चुनावों के संदर्भ में।