चुनाव आयोग ने शुक्रवार को पांच राज्यों की चुनावी तारीख़ों का एलान कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स में कहा कि असम में तीन चरणों में चुनाव होगा।
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को पांच राज्यों की चुनाव तारीख़ों का एलान कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स में कहा कि केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में एक चरण में 6 अप्रैल को मतदान होगा। असम में तीन चरणों- 47 सीटों पर 27 मार्च को, 39 सीटों पर 1 अप्रैल को और 40 सीटों पर 6 अप्रैल को मतदान होगा। सभी राज्यों के चुनाव नतीजे 2 मई को आएंगे।
बंगाल में 8 चरणों में होगा मतदान
अरोड़ा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में मतदान होगा। पहले चरण में 30 सीटों पर 27 मार्च को, दूसरे चरण में 30 सीटों पर 1 अप्रैल को, तीसरे चरण में 31 सीटों पर 6 अप्रैल को, चौथे चरण में 44 सीटों पर 10 अप्रैल को, पांचवें चरण में 45 सीटों पर 17 अप्रैल को, छठे चरण में 43 सीटों पर 22 अप्रैल को, सातवें चरण में 36 सीटों पर 26 अप्रैल को और आठवें चरण में 35 सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान कोरोना की गाइडलाइंस का पूरी तरह पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के अधिकारियों ने सभी राज्यों में जाकर चुनावी तैयारियों का जायजा लिया है। उन्होंने कहा कि इन राज्यों की 824 विधानसभा सीटों के लिए 18.6 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे।
चुनाव की बड़ी बातें
- पश्चिम बंगाल की 294 सीटों पर 8 चरणों में मतदान होगा।
- असम की 126 सीटों पर तीन चरणों में मतदान होगा।
- केरल की 140 सीटों, तमिलनाडु की 234 सीटों और पुडुचेरी की 30 सीटों पर एक चरण में 6 अप्रैल को मतदान होगा।
- सभी राज्यों के चुनाव नतीजे 2 मई को आएंगे।
बंगाल में बीजेपी-टीएमसी में मुक़ाबला
294 सीटों वाले बंगाल में बीजेपी और टीएमसी के बीच जोरदार मुक़ाबला है। कांग्रेस और वाम मोर्चा ने चुनावी गठबंधन किया है और एआईएमआईएम भी चुनावी मुक़ाबले में उतर रही है। जनसंघ के संस्थापक और बीजेपी के प्रेरणा पुरूष श्यामा प्रसाद मुखर्जी के गृह राज्य बंगाल में भगवा लहराना बीजेपी का सपना रहा है लेकिन उसे ममता बनर्जी से जोरदार चुनौती मिल रही है।
असम में होगी जोरदार लड़ाई
126 सीटों वाले असम में कांग्रेस ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ़), सीपीआई, सीपीआई (एम), सीपीआई (एमएल) और आंचलिक गण मोर्चा के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरेगी। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 26 सीटें मिली थीं। इससे पहले लगातार 15 साल तक असम में उसकी सरकार रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री तरूण गोगोई की कमी पार्टी को ज़रूर खलेगी। गोगोई का पिछले साल नवंबर में निधन हो गया था।
बीजेपी, असम गण परिषद और नए साथी यूनाइटेड पीपल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के साथ चुनावी गठबंधन करेगी। इसके अलावा ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) और असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) ने नए स्थानीय राजनीतिक दल के गठन की घोषणा की है। इस दल का नाम असम जातीय परिषद रखा गया है और यह भी चुनाव में ताल ठोकेगा।
तमिलनाडु में एआईएडीएमके-डीएमके की टक्कर
तमिलनाडु में विधानसभा की 234 सीटें हैं। यहां एआईएडीएमके-बीजेपी और कांग्रेस-डीएमके के बीच सीधी लड़ाई है। हाल ही में जेल से रिहा हुईं शशिकला ने एलान कर दिया है कि वे सक्रिय राजनीति में लौटेंगी। विधानसभा चुनाव से पहले शशिकला का यह एलान बेहद अहम है।
केरल में यूडीएफ़ बनाम एलडीएफ़
केरल में विधानसभा की 140 सीटें हैं और यहां कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट और वाम दलों के नेतृत्व वाले लेफ़्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट के बीच मुक़ाबला है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद हैं और उन्होंने केरल में अपने गठबंधन की जीत के लिए जोर लगाया हुआ है। बीजेपी नेता भी राज्य के दौरे कर रहे हैं।
पुडुचेरी में गिरी सरकार
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पुडुचेरी में कांग्रेस के नेतृत्व वाली वी. नारायणसामी सरकार गिर गई है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के कई विधायकों ने इस्तीफ़ा दे दिया था। इसके बाद 30 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस-डीएमके सरकार के पास सिर्फ़ 12 विधायक रह गए थे। विधायकों के इस्तीफ़े के कारण सरकार अल्पमत में आ गई थी और राज्य की नवनियुक्त गवर्नर तमिलसाई सुंदराजन ने फ़्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था।
चुनाव की तारीख़ों के एलान के बाद अब चुनाव प्रचार और जोर पकड़ेगा। चुनाव आयोग ने कहा है कि वह सभी राज्यों में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करेगा। देखना होगा कि चुनाव प्रचार के दौरान सियासी रणबांकुरों के बीच कैसा घमासान देखने को मिलता है।