एक्स ने सरकार के उस दावे का खंडन किया है जिसमें इसने रायटर्स पर रोक लगाने का आदेश देने से इनकार किया था। जानिए, एक्स ने अब सरकार के ख़िलाफ़ क्या चौंकाने वाला दावा किया है।
उद्योगपति एलन मस्क की कंपनी एक्स ने भारत सरकार पर प्रेस सेंसरशिप यानी मीडिया की आवाज़ बंद करने का आरोप लगाया है। एक्स का कहना है कि सरकार ने एक घंटे के भीतर दो हजार से ज़्यादा अकाउंट बंद करने के आदेश दिए। हालाँकि, इसके बाद सरकार की ओर से जारी बयान में एक्स के दावों को खारिज किया गया है।
एक्स के आधिकारिक हैंडल ग्लोबल गवर्नमेंट अफ़ेयर्स पर लिखा गया कि 3 जुलाई 2025 को भारत सरकार ने एक्स को आदेश दिया कि वो भारत में 2,355 अकाउंट्स को ब्लॉक कर दे। इनमें रायटर्स और रायटर्स वर्ल्ड जैसे इंटरनेशनल न्यूज़ आउटलेट्स के आकाउंट शामिल थे। ये आदेश आईटी एक्ट की धारा 69A के तहत दिया गया था। एक्स ने कहा कि अगर हमने इसका पालन नहीं किया, तो हमें क्रिमिनल केस का सामना करना पड़ सकता था।
अकाउंट ब्लॉकिंग के लिए कोई वजह नहीं!
एक्स का कहना है कि उसे सरकार की तरफ से कहा गया कि ये अकाउंट एक घंटे के अंदर ब्लॉक किए जाएँ और अगले आदेश तक ब्लॉक ही रहें। इस बारे में सरकार की तरफ से किसी भी तरह की वजह या सफाई नहीं दी गई। लोगों के विरोध के बाद सरकार ने एक्स से रायटर्स और रायटर्स वर्ल्ड को अनब्लॉक करने के लिए कहा। एक्स का कहना है कि हम भारत में मीडिया पर लग रही पाबंदियों को लेकर बहुत परेशान हैं और कानूनी रास्ते तलाश रहे हैं, लेकिन भारत के कानून के तहत एक्स खुद कोर्ट में जाकर इन आदेशों को चुनौती नहीं दे सकता। एक्स ने भारत के यूज़रों से अपील की है कि वे अपने अधिकारों की रक्षा के लिए कोर्ट का सहारा लें।
दरअसल, बीते रविवार को भारत में इंटरनेशनल न्यूज़ एजेंसी रायटर्स के सोशल मीडिया अकाउंट ब्लॉक कर दिए गए थे। इसके बाद सोशल मीडिया पर बहुत लोगों ने ये सवाल उठाए कि आखिर रायटर्स को क्यों बंद किया गया। लेकिन थोड़ी देर बाद मीडिया रिपोर्टों में सरकार के एक प्रवक्ता के हवाले से कहा गया, 'भारत सरकार की तरफ़ से रायटर्स को ब्लॉक करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया गया है। हम एक्स के साथ मिलकर इस मसले को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।' और फिर कुछ ही देर बाद रायटर्स के दोनों सोशल मीडिया अकाउंट खोल दिए गए।
एलन मस्क की कंपनी एक्स और भारत सरकार के बीच ये झगड़ा पहली बार नहीं है। एक्स पहले से ही सरकार के नए ऑनलाइन कंटेंट के नियमों की आलोचना कर रहा है और मार्च में उसने सरकार के ख़िलाफ़ कर्नाटक हाई कोर्ट में केस भी किया था।
कंपनी का कहना है कि सरकार आईटी क़ानूनों का ग़लत इस्तेमाल कर एक ग़ैर क़ानूनी ब्लॉकिंग सिस्टम बना रही है। एक्स ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट के 2015 के एक फैसले का भी हवाला दिया, जिसमें आईटी एक्ट की धारा 66A को हटा दिया गया था। उस धारा के तहत आपत्तिजनक मैसेज भेजने पर जेल हो सकती थी।
एक्स का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने न सिर्फ सरकारी विभागों, बल्कि देशभर की पुलिस को भी ये पावर दे दी है कि वो बिना धारा 69A के नियमों को फॉलो किए, धारा 79(3)(b) के तहत सीधे ऑनलाइन कंटेंट ब्लॉक कर सकते हैं। अब धारा 79(3)(b) के हिसाब से अगर कोई आईटी कंपनी (जैसे एक्स) सरकार के बताए गए गैरकानूनी कंटेंट को जल्दी से हटाती या बंद नहीं करती, तो उसे कानूनी सुरक्षा नहीं मिलती और उस पर केस हो सकता है। एक्स का कहना है कि सरकार धारा 69A की जगह सीधे 79(3)(b) का इस्तेमाल कर रही है, जबकि 69A में कुछ नियम और सुरक्षा होते हैं — जैसे कि वजह बताना और सही तरीका अपनाना — जो 79(3)(b) में नहीं होते।
अब तक भारत सरकार की तरफ से एक्स के आरोपों की सफाई में कोई बयान सामने नहीं आया है। एक्स का कहना है कि ये सेंसरशिप का सिलसिला लंबे समय से चल रहा है, और इसीलिए कंपनी ने सरकार के ख़िलाफ़ क़ानूनी लड़ाई भी शुरू की है।
सरकार की प्रतिक्रिया
एक्स के दावे के बाद सरकार ने भी एक्स के दावों को खारिज किया। रायटर्स मामले में एमईआईटी के एक प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि जैसे ही उन्हें ब्लॉक किया गया, सरकार ने एक्स को निर्देश दिया कि भारत में न्यूज एजेंसी के हैंडल्स को तत्काल अनब्लॉक किया जाए।
हालाँकि, प्रवक्ता ने कहा कि एक्स ने 'प्रक्रिया से जुड़ी तकनीकी बारीकियों का अनावश्यक रूप से दुरुपयोग किया और यूआरएल को अनब्लॉक नहीं किया।' उन्होंने कहा, 'सरकार ने 3 जुलाई 2025 को कोई नया ब्लॉकिंग आदेश जारी नहीं किया है और न ही रॉयटर्स और रॉयटर्स वर्ल्ड सहित किसी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय न्यूज चैनल को ब्लॉक करने का कोई इरादा है। जैसे ही रॉयटर्स और रॉयटर्स वर्ल्ड को भारत में एक्स प्लेटफॉर्म पर ब्लॉक किया गया, सरकार ने तुरंत एक्स को पत्र लिखकर उन्हें अनब्लॉक करने को कहा।' प्रवक्ता ने कहा कि लगातार फॉलो-अप के बाद एक्स ने आखिरकार 6 जुलाई 2025 को रात 9 बजे के बाद रॉयटर्स और अन्य यूआरएल को अनब्लॉक कर दिया। रॉयटर्स को अनब्लॉक करने में उन्हें 21 घंटे से अधिक समय लगा।