सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर इन एजेंसियों से कहा है कि यदि किसी नागिरक बारे में शक हो कि वह राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल है या उसकी किसी गतिविधि से देश को नुक़सान हो सकता है तो वह उसके कंप्यूटर को ट्रैक करे। इसके लिए उन्हें किसी से इजाज़त लेने की ज़रूरत नहीं है।
पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने इसकी आलोचना करते हुए कहा है कि यदि कोई मेरे कंप्यूटर में ताकझाँक कर रहा है तो यह तानाशाही है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-मुसलमीन-इत्तिहाद (एआईएमआईएम) के नेता असदउद्दीन ओवैसी ने इस पर सरकार का ज़बरदस्त विरोध किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा मोदी पर तंज किया है और कहा है कि यही तो है ‘घर-घर मोदी’।
सरकार के इस आदेश का विरोध होना तय है। पहले भी सरकार पर विरोध के स्वर को दबाने और मीडिया पर दबाव बनाने के आरोप लगते रहे हैं।सरकार की सफ़ाई
सरकार ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। गृह मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि किसी भी एजेंसी को किसी के कंप्यूटर में घुसने से पहले गृह मंत्रालय की मंज़ूरी लेनी होगी। उसने यह भी साफ़ किया है कि यह आदेश साल 2009 के क़ानून के अनुसार ही जारी किया गया है, उसमें पहले के प्रावधान ही है, कोई नया प्रावधान नहीं जोड़ा गया है। सरकार ने यह भी कहा है कि पहले से मौजूद टेलीग्राफ़ एक्ट में भी ये प्रावधान हैं।