कोरोना से संक्रमित मरीज़ों को ठीक होने के बाद अब तक दो हफ़्ते में वैक्सीन लगाई जा रही है, लेकिन सरकार के विशेषज्ञों के पैनल ने इसे अब 3-9 महीने में लगाए जाने की सिफ़ारिश की है। यानी सिफारिश के अनुसार यदि कोई कोरोना संक्रमण से आज ठीक होता है तो उसे 3 महीने बाद और 9 महीने से पहले उसे टीके की पहली खुराक लगाई जा सकेगी। विशेषज्ञों के पैनल ने कहा है कि यह फ़ैसला पूरी तरह वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर लिया गया है।
कोरोना मरीज़ों को ठीक होने पर 3-9 महीने में वैक्सीन की सिफारिश क्यों?
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- 18 May, 2021
कोरोना से संक्रमित मरीज़ों को ठीक होने के बाद अब तक दो हफ़्ते में वैक्सीन लगाई जा रही है, लेकिन सरकार के विशेषज्ञों के पैनल ने इसे अब 3-9 महीने में लगाए जाने की सिफ़ारिश की है।

आम तौर पर जो शोध अब तक सामने आए हैं उनमें कहा गया है कि कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों में क़रीब तीन महीने तक वायरस के ख़िलाफ़ एंटीबॉडी प्रभावी होती है। शरीर में धीरे-धीरे यह एंटीबॉडी कमजोर पड़ने लगती है और वायरस के संपर्क में आने पर फिर से संक्रमित होने का ख़तरा बढ़ जाता है। इन्हीं वजहों से दुनिया के अधिकतर देशों में सलाह दी जा रही है कि कोरोना से ठीक हुए लोगों को तीन महीने में वैक्सीन ले लेनी चाहिए।