Dalit man lynched in Rae Bareli: नेता विपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक संयुक्त बयान जारी कर रायबरेली में दलित व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या की निंदा की और इसे "संविधान के विरुद्ध अपराध" बताया। दूसरी तरफ मीडिया सीजेआई के हमलावर का महिमामंडन कर रहा है।
मीडिया भारत के चीफ जस्टिस बी आर गवई पर हमला करने वाले निलंबित वकील राकेश किशोर का इंटरव्य दिखा रही है। उसके विचारों का प्रचार प्रसार जोर शोर से कर रही है। जिन विचारों को दक्षिणपंथी ईको सिस्टम आगे बढ़ाता रहता है। लेकिन यही मीडिया रायबरेली में दलित युवक की हत्या पर खामोशी ओढ़े हुए है। नेता विपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष ने मंगलवार 7 अक्टूबर को रायबरेली की घटना पर तीखा हमला बोला। उन्होंने एक संयुक्त बयान भी जारी किया।
राहुल ने एक्स पर संयुक्त बयान को शेयर करते हुए यह भी लिखा है- आज भारत में दलित, आदिवासी, मुसलमान, पिछड़े और ग़रीब - हर उस व्यक्ति को निशाना बनाया जा रहा है, जिसकी आवाज़ कमजोर है, जिसकी हिस्सेदारी छीनी जा रही है, और जिसकी ज़िंदगी सस्ती समझी जाती है। देश में नफ़रत, हिंसा और भीड़तंत्र को सत्ता का संरक्षण मिला हुआ है - जहाँ संविधान की जगह बुलडोज़र ने ले ली है, और इंसाफ़ की जगह डर ने।
वरिष्ठ पत्रकार रोहिणी सिंह ने मीडिया की स्थिति पर मंगलवार को बहुत सटीक टिप्पणी की है। रोहिणी लिखती हैं-
एक दलित परिवार के CJI जस्टिस गवई पर जूता उछालने वाले वकील को नोएडा मीडिया में इतनी शान से दिखाया जा रहा है जैसे वो ओलंपिक से मेडल लेकर आया है। जातिवाद के आरोपों को खारिज करने वाले नोएडा के संपादक क्या बताएँगे कि ऐसी क्या मजबूरी है कि एक लफ़ुए को उन्हें अपने चैनल पर मजबूती से स्पेस देने की आवश्यकता है? सच कड़वा है, कोई भी पिछड़ी जाति का व्यक्ति अगर ऊँची कुर्सी पर बैठ जाये तो उसे अपमानित करने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ते मुख्यधारा की मीडिया में बैठे कुछ संपादक। क्या अगर सरकार के किसी मंत्री पर जूता चले तो जूता फेंकने वाले का इंटरव्यू ऐसे ही चलेगा?यह बताना ज़रूरी है कि काफी दिनों से दक्षिणपंथी ईको सिस्टम भारत के चीफ जस्टिस बी आर गवई को सनातन विरोधी ठहरा रहा है। सोशल मीडिया पर उनका मीम बनाकर उनसे माफी की मांग की जा रही है। कई न्यूज चैनलों ने इस पर शो तक आयोजित किए। लेकिन रायबरेली की घटना पर मीडिया को शो करने की फुर्सत नहीं है। दलितों, अल्पसंख्यकों पर लगातार तमाम राज्यों में सरकारी कार्रवाई हो रही है। उनकी संपत्तियों पर बुलडोज़र चल रहे हैं लेकिन मीडिया के पास इस मुद्दे को उठाने का हौसला नहीं है।
रायबरेली की दिल दहलाने वाली घटना
उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। यहां के एक गांव में 38 वर्षीय दलित युवक हरिओम को स्थानीय ग्रामीणों ने ड्रोन चोरी के संदेह में पीट-पीटकर हत्या कर दी। राज्य भर में फैली ड्रोन चोरी की अफवाहों के बीच यह घटना हुई, जिसे कांग्रेस ने 'जंगल राज' करार देते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा है। विपक्ष के नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने संयुक्त बयान जारी कर इस 'क्रूर हत्या' की कड़ी निंदा की है।
घटना की जानकारी के अनुसार, हरिओम नामक यह युवक दलित समुदाय से ताल्लुक रखता था। ग्रामीणों को शक हुआ कि वह ड्रोन का इस्तेमाल कर घरों में चोरी की योजना बना रहा था। गुस्साए ग्रामीणों ने उसे घेर लिया और लाठियों व मुक्कों से उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी की कोई खबर नहीं है। इस घटना ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
राहुल-खड़गे का दलित युवक की लिंचिंग पर बयान
राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को जारी संयुक्त बयान में इस घटना को 'संविधान के खिलाफ गंभीर अपराध' बताया। उन्होंने कहा, "हमारे देश का संविधान हर व्यक्ति को समानता का भाव देता है। हर नागरिक की सुरक्षा, अधिकार और अभिव्यक्ति को समान दर्जा देने वाला कानून है। रायबरेली में जो हुआ, वह इस देश के संविधान के खिलाफ गंभीर अपराध है।" बयान में आगे कहा गया, "दलितों, अल्पसंख्यकों और गरीबों के खिलाफ अपराधों की संख्या में वृद्धि हो रही है, जो वंचित, हाशिए पर पड़े और पर्याप्त प्रतिनिधित्व या भागीदारी से वंचित लोगों को असमान रूप से प्रभावित कर रही है।"
नेताओं ने हथरस-उन्नाव में महिलाओं के खिलाफ अपराधों, रोहित वेमुला की संस्थागत हत्या, मध्य प्रदेश में आदिवासी युवक पर पेशाब डालने की घटना, ओडिशा-मध्य प्रदेश में दलितों पर हमले, हरियाणा में पहलू खान और उत्तर प्रदेश में अखलाक की हत्याओं का जिक्र करते हुए कहा, "हर घटना हमारी समाज, प्रशासन और सत्ताधारी शक्तियों की बढ़ती असंवेदनशीलता का आईना है।" उन्होंने भाजपा-नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि 2014 से 'मॉब लिंचिंग, बुलडोजर अन्याय और भीड़ का राज' जैसी प्रवृत्तियां हमारे समय की भयावह पहचान बन गई हैं।
बयान के अंत में राहुल-खड़गे ने कहा, "डॉ. भीमराव आंबेडकर और महात्मा गांधी का भारत सामाजिक न्याय, समानता और करुणा से जुड़ा है। मानवता ही आगे का रास्ता है। कांग्रेस पार्टी वंचित और कमजोर वर्गों के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। हम नागरिकों से इस अन्याय के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान करते हैं। यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक हर भारतीय के जीवन के अधिकार और गरिमा की पूर्ण रक्षा न हो जाए।"
इससे पहले राहुल गांधी ने विदेश से हरिओम के परिवार से फोन पर बात की थी और शोक संदेश भेजा। वहीं, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय फतेहपुर पहुंचे और परिवार को पार्टी का पूरा समर्थन देने का भरोसा दिलाया। राहुल गांधी ने कहा कि यह घटना न केवल दलित समुदाय के खिलाफ अपराध है, बल्कि पूरे देश के संविधान पर हमला है।
यह घटना उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराधों की पृष्ठभूमि में राजनीतिक रंग ले चुकी है। कांग्रेस ने योगी आदित्यनाथ सरकार को 'जंगल राज' चलाने का दोषी ठहराया है, जबकि भाजपा ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ टीवी चैनलों के जरिए ग्रामीण इलाकों में फैलाई जा रही नफरत हिंसा को बढ़ावा दे रही हैं। पुलिस से अपेक्षा की जा रही है कि जल्द से जल्द दोषियों को सजा दिलाए।