LGBTQIA+ समुदाय के हक़ों की हिफ़ाजत के संदर्भ में मद्रास हाई कोर्ट ने कई अहम टिप्पणियां की हैं। कोर्ट ने कहा है कि ऐसे डॉक्टर्स जो इस बात का दावा करते हों कि वे समलैंगिकता का इलाज करते हैं, उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाने चाहिए।