LGBTQIA+ समुदाय के हक़ों की हिफ़ाजत के संदर्भ में मद्रास हाई कोर्ट ने कई अहम टिप्पणियां की हैं। कोर्ट ने कहा है कि ऐसे डॉक्टर्स जो इस बात का दावा करते हों कि वे समलैंगिकता का इलाज करते हैं, उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाने चाहिए।
समलैंगिकता का इलाज करने का दावा करने वालों के लाइसेंस रद्द हों: कोर्ट
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- 8 Jun, 2021
LGBTQIA+ समुदाय के हक़ों की हिफ़ाजत के संदर्भ में मद्रास हाई कोर्ट ने कई अहम टिप्पणियां की हैं।

अदालत ने सोमवार को दिए आदेश में तमिलनाडु सरकार और केंद्र सरकार के अफ़सरों से कहा कि वे ऐसी योजना तैयार करें जिससे LGBTQIA+ समुदाय के हक़-हकूक का सम्मान किया जा सके। अदालत ने एक समलैंगिक जोड़े की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये बाते कहीं। इस जोड़े ने याचिका में पुलिस पर उनका उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था।
जस्टिस आनंद वेंकटेश ने मामले की सुनवाई के बाद जोड़े के हक़ में फ़ैसला दिया। जोड़े के परिजनों की ओर से पुलिस में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी और इसके बाद से ही पुलिस लगातार उनसे सवाल-जवाब कर रही थी।