ऊपर की तसवीर देखिए। देखने भर से ही सिहरन पैदा हो गई न! सफ़ाई कर्मी गंदगी में डूब जाते हैं। नीचे उतरते ही साँसें अटक जाती हैं। और कई बार तो जान ही चली जाती है। उत्तरी दिल्ली के तिमारपुर में भी ऐसा ही हुआ। 37 साल के किशन सीवर लाइन साफ़ करने के लिए अंदर गए। साथ थीं सिर्फ़ साँसें। न तो फ़ेस मास्क, साँस लेने के उपकरण और न ही वर्दी या अन्य सुरक्षा के उपकरण। बस एक कुदाल काम करने के लिए दिया गया था। किशन को 400 रुपये मिलते। कुछ ही देर में सीवर लाइने से वह लापता हो गए। लापता क्या हुए, सात घंटे बाद अंदर से लाश निकली।