ऐसे समय जब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ख़तरे में है और सरकार की आलोचना करने वालों को निशाने पर लिया जाता है और उन पर बेवजह राजद्रोह और यूएपीए जैसे क़ानूनों के तहत मुक़दमा दायर कर दिया जाता है, प्रधानमंत्री का कहना है कि वे आलोचकों का बहुत ही सम्मान करते हैं, पर दुर्भाग्य से ऐसे आलोचकों की संख्या बहुत ही कम है।