अदालतों में खाली पड़े पदों को भरने के लिए सरकार की खिंचाई करते रहे भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा है कि अदालतों पर अत्यधिक बोझ को देखते हुए कोर्ट की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा है कि न्याय तभी संभव है जब मामलों को निपटाने के लिए पर्याप्त संख्या में अदालतें हों। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अधीनस्थ न्यायपालिका को मज़बूत करना समय की मांग है और भारतीय न्यायपालिका को प्रभावित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा लंबित मामलों का है।