अदालतों में खाली पड़े पदों को भरने के लिए सरकार की खिंचाई करते रहे भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा है कि अदालतों पर अत्यधिक बोझ को देखते हुए कोर्ट की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा है कि न्याय तभी संभव है जब मामलों को निपटाने के लिए पर्याप्त संख्या में अदालतें हों। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अधीनस्थ न्यायपालिका को मज़बूत करना समय की मांग है और भारतीय न्यायपालिका को प्रभावित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा लंबित मामलों का है।
न्याय तभी संभव जब पर्याप्त अदालतें हों: सीजेआई रमना
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- 15 Apr, 2022
क्या अदालतों में पर्याप्त जजों और अदालतों के बिना समय पर न्याय मिलना संभव होगा? जानिए भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने इसको लेकर क्या कहा।

वह तेलंगाना राज्य न्यायिक अधिकारी सम्मेलन-2022 के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि न्याय देने वाली प्रणाली का लक्ष्य समय पर न्याय करना है, जैसा कि संविधान में कहा गया है।