प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘एक देश एक चुनाव’ पर बातचीत के लिए सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है। इस बैठक में कोई आम राय बनेगी, इसमें संदेह है क्योंकि विपक्ष, ख़ासकर कांग्रेस तथा कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विधानसभा चुनावों का आयोजन लोकसभा चुनाव से अलग कराने पर बीजेपी को मिलने वाला समर्थन घट जाता है (देखें चार्ट) और इस ट्रेंड को उलटने के लिए ही बीजेपी कोशिश कर रही है कि आने वाले सालों में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव साथ-साथ कराए जाएँ ताकि राष्ट्रीय मुद्दे आंचलिक मुद्दों पर हावी हो जाएँ और जो वोटर लोकसभा चुनाव में बीजेपी को वोट दे रहा है, वह विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को ही वोट दे।
‘एक देश एक चुनाव’: वोटर ने समझ दिखाई है फिर कांग्रेस क्यों घबराई है?
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- 19 Jun, 2019

तेलंगाना और उड़ीसा के विधानसभा और लोकसभा चुनाव के तुलनात्मक नतीजों से यही पता चलता है कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ-साथ कराने पर भी वोटरों का एक तबक़ा जो 4% से 12% तक हो सकता है, सांसद और विधायक चुनते समय अलग-अलग पार्टी के पक्ष में वोट कर सकता है। यदि ऐसा है तो फिर कांग्रेस क्यों चिंता कर रही है?
नीरेंद्र नागर सत्यहिंदी.कॉम के पूर्व संपादक हैं। इससे पहले वे नवभारतटाइम्स.कॉम में संपादक और आज तक टीवी चैनल में सीनियर प्रड्यूसर रह चुके हैं। 35 साल से पत्रकारिता के पेशे से जुड़े नीरेंद्र लेखन को इसका ज़रूरी हिस्सा मानते हैं। वे देश