प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान कहा कि किसी भी वैश्विक नेता ने भारत को अपनी कार्रवाई रोकने के लिए नहीं कहा। हालाँकि, उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम नहीं लिया। ट्रंप लगातार दावा कर रहे हैं कि उन्होंने मध्यस्थता कर और व्यापार बंद करने की धमकी देकर युद्ध को रुकवाया। ट्रंप के इस दावे को लेकर विपक्षी दल और राहुल ने आरोप लगाया है कि ट्रंप ने भारत को युद्धविराम के लिए दबाव डाला। इन दावों का खंडन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी वैश्विक नेता ने भारत को ऑपरेशन सिंदूर रोकने के लिए नहीं कहा।

प्रधानमंत्री ने लोकसभा में अपने संबोधन में कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई थी। यह हमारा संप्रभु निर्णय था और इसे केवल हमारे सैन्य नेतृत्व और रणनीति के आधार पर अंजाम दिया गया।' पीएम ने इतना ज़रूर कहा कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का फोन आया था और उन्होंने कहा कि पाकिस्तान बड़े हमले की तैयारी कर रहा है। पीएम ने आगे कहा कि हमने भी कह दिया कि हम उससे बड़ा हमला करेंगे और पाकिस्तान को इसके नतीजे भुगतने होंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि 10 मई को युद्धविराम का फ़ैसला भारत और पाकिस्तान के बीच डीजीएमओ स्तर पर सीधे संचार के ज़रिए लिया गया जिसकी पहल पाकिस्तान ने की। उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी रक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किसी भी बाहरी दबाव को स्वीकार नहीं किया।
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पीएम ने कहा, "अब हमले के बाद मास्टरमाइंड को नींद नहीं आती, उनको पता है कि भारत आएगा और मार कर जाएगा। यह न्यू नॉर्मल भारत ने सेट कर दिया है। 'सिंदूर से लेकर सिंधु तक', हमने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की है।" उन्होंने कहा, "193 देशों में से सिर्फ 3 देश ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में बोले।"

पाक गिड़गिड़ाया- बस करो, बहुत मारा है: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सशस्त्र बलों की जबरदस्त कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने हार मानते हुए भारत से सीजफायर की गुहार लगाई थी। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान ने हमारे डीजीएमओ से संपर्क कर कहा, 'बस करो, बहुत मारा।' हमने उनकी इस अपील पर विचार तभी किया, जब उन्होंने भविष्य में कोई सैन्य हरकत न करने का वादा किया।'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'पाकिस्तान को हमारी ताकत का अहसास हो गया था। उनके सैन्य ठिकानों और आतंकी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा। 10 मई को दोपहर में उनके डीजीएमओ ने हमारे डीजीएमओ से संपर्क किया और युद्धविराम की मांग की।'

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी साफ़ किया कि ऑपरेशन सिंदूर को केवल अस्थायी रूप से रोका गया है और पाकिस्तान के भविष्य के कदमों पर भारत की कड़ी नजर रहेगी।

'आतंकी ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया'

मोदी ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के भीतर आतंकी ठिकानों पर गहरी और निर्णायक कार्रवाई की है। प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमने सिर्फ 22 मिनट में आतंक के आकाओं के ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया। यह नया भारत है, जो आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलता है।' उन्होंने भारतीय सेना, वायुसेना, नौसेना और खुफिया एजेंसियों की बहादुरी की सराहना की, जिन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। 

मोदी ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत अब आतंकियों और उनके समर्थकों के बीच कोई अंतर नहीं करेगा। पीएम ने कहा, 'पाकिस्तान ने बार-बार आतंकवाद को हथियार बनाया है, लेकिन अब वह समझ चुका है कि भारत की ताकत का जवाब देना उसके बस में नहीं है।' उन्होंने यह भी साफ़ किया कि ऑपरेशन सिंदूर को केवल अस्थायी रूप से रोका गया है और पाकिस्तान के भविष्य के कदमों पर भारत की कड़ी नजर रहेगी।

पाक को चेतावनी

पीएम ने कहा, 'हमने दुनिया को दिखा दिया कि भारत शांति चाहता है, लेकिन अपनी सुरक्षा और संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगा।' उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि पाकिस्तान को आतंकवाद का रास्ता छोड़ना होगा, वरना भारत भविष्य में भी ऐसी कार्रवाई के लिए तैयार रहेगा। राहुल गांधी ने संसद में दावा किया कि ट्रंप ने 25 से 29 बार कहा कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान युद्धविराम कराया और पीएम मोदी ने इसका खंडन नहीं किया। उन्होंने सरकार पर ऑपरेशन के दौरान वायुसेना को पूरी छूट नहीं दी गई।

अमित शाह का कांग्रेस पर हमला

विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनसे कहा, "आतंकवादी मारे गए और आप खुश नहीं हैं? आपको तो जश्न मनाना चाहिए।" उन्होंने सांसद अखिलेश यादव से आग्रह किया कि उन्हें अपना भाषण पूरा करने दें और ऑपरेशन महादेव से जुड़े तथ्य सामने रखें।
अमित शाह ने कहा, अमित शाह ने संसद में कहा कि ऑपरेशन महादेव में मारे गए तीनों आतंकवादी पाकिस्तान से थे। शाह ने पी चिदंबरम पर यह आरोप लगाने के लिए भी हमला बोला कि पहलगाम के आतंकवादी पाकिस्तानी नहीं थे। शाह ने कहा कि तीनों आतंकवादी पाकिस्तान में पंजीकृत मतदाता थे और उनके शिविर में मिले उपकरण भी पाकिस्तान से ही मँगवाए गए थे। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वो पाकिस्तान को बचा रहा है। आपको पाकिस्तान को बचाकर क्या मिलेगा।
अमित शाह ने कहा, "एनआईए ने उन्हें पनाह देने वालों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें खाना खिलाने वालों को हिरासत में लिया गया था। जब आतंकवादियों के शव श्रीनगर पहुँचे, तो उनकी पहचान पहलगाम में आतंकी हमला करने वाले तीन लोगों के रूप में हुई... आतंकी हमले के कारतूसों की एफएसएल रिपोर्ट पहले से ही तैयार थी... कल (सोमवार) तीनों आतंकवादियों की राइफलें जब्त कर ली गईं और उनका एफएसएल रिपोर्ट से मिलान किया गया... चंडीगढ़ में आगे की जाँच की गई, जिसके बाद पुष्टि हुई कि ये तीनों वही लोग थे जिन्होंने आतंकी हमला किया था।"
अमित शाह ने कहा, "कल वे (कांग्रेस) हमसे पूछ रहे थे कि आतंकवादी कहाँ से आए और इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है। बेशक, यह हमारी ज़िम्मेदारी है क्योंकि हम सत्ता में हैं। कल पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम जी ने सवाल उठाया था - क्या सबूत है कि आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे? मैं उनसे पूछना चाहता हूँ कि पाकिस्तान को बचाकर उन्हें क्या मिलेगा। जब वे ऐसा कहते हैं, तो इसका मतलब है कि वे पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहे हैं..."
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'पाकिस्तानी नागरिक नहीं मारा' 

अमित शाह ने लोकसभा में कहा, "30 अप्रैल को केंद्रीय सुरक्षा सलाहकार परिषद (CCS) की बैठक हुई थी, जिसमें सुरक्षा बलों को पूरी तरह से ऑपरेशनल आज़ादी दी गई थी। ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को शुरू किया गया और रात 1:04 बजे से 1:24 बजे के बीच चलाया गया। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया गया। इस हमले में किसी भी पाकिस्तानी नागरिक की मौत नहीं हुई।"

मोदी जी, कहिए ट्रंप झूठे हैंः राहुल  

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्रंप के युद्धविराम के दावे को लेकर सरकार पर हमला बोला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दी कि वे कहें कि "डोनाल्ड ट्रंप झूठे हैं।" राहुल ने कहा कि आप पाकिस्तान तक गए और आपने हमारे पायलटों से कहा कि वे पाकिस्तान की एयर डिफेंस सिस्टम पर हमला न करें। यह तय था कि पाकिस्तान के विमान गिराए जाएँगे। लेकिन आपने हमारे पायलटों के हाथ बाँध दिए।" 


राहुल गांधी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों को ऑपरेशन की आज़ादी न देने के लिए सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, "दो शब्द हैं - 'राजनीतिक इच्छाशक्ति' और 'ऑपरेशन की आज़ादी'। अगर आप भारतीय सशस्त्र बलों का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो आपके पास 100% राजनीतिक इच्छाशक्ति और ऑपरेशन की पूरी आज़ादी होनी चाहिए।"
राहुल गांधी ने कहा- "ऑपरेशन सिंदूर शुरू होते ही, बल्कि शुरू होने से पहले ही, विपक्ष ने, सभी दलों ने, यह प्रतिबद्धता जताई थी कि हम भारतीय सेना और भारत की चुनी हुई सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़े रहेंगे। हमने उनके कुछ नेताओं की ओर से कुछ व्यंग्यात्मक टिप्पणियाँ सुनीं। लेकिन हमने कुछ नहीं कहा। हमें बहुत गर्व है कि एक विपक्ष के रूप में, हम एकजुट रहे, जैसा कि हमें होना चाहिए था।"

वे सिर्फ भारतीय थेः प्रियंका 

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को सांप्रदायिक रंग देने के प्रयासों का जवाब देते हुए कहा कि वे सिर्फ भारतीय थे। लोकसभा में कुछ सांसदों ने कथित तौर पर कहा था कि पहलगाम हमले में मारे गए लोग हिंदू थे। उन्होंने कहा, "केंद्रीय गृह मंत्री ने आज मेरी माँ के आँसुओं के बारे में बात की। मैं इसका जवाब देना चाहती हूँ। मेरी माँ के आँसू तब बहे थे जब आतंकवादियों ने मेरे पिता को मार डाला था। आज, जब मैं उन 26 लोगों (पहलगाम हमले के पीड़ितों) के बारे में बात करती हूँ, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं उनका दर्द समझती हूँ।"
कांग्रेस महासचिव ने अहम मुद्दों पर सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया और उस पर ज़िम्मेदारी से बचने का आरोप लगाया। उन्होंने पूछा, "कल रक्षा मंत्री (राजनाथ सिंह) ने एक घंटे का भाषण दिया जिसमें उन्होंने कई बातें कहीं, लेकिन एक बात नज़रअंदाज़ कर दी गई। 22 अप्रैल, 2025 को जब 26 देशवासी मारे गए थे, तो यह हमला कैसे और क्यों हुआ?"

कनिमोझी का बीजेपी पर हमला 

डीएमके की कनिमोझी करुणानिधि ने मंगलवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा के दौरान भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला और सत्तारूढ़ दल पर राष्ट्रीय एकता पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय बहस को राजनीतिक दोषारोपण में बदलने का आरोप लगाया। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का बार-बार ज़िक्र करने के लिए बीजेपी पर निशाना साधते हुए कनिमोझी ने कहा, "नेहरू जी को कांग्रेस भी उतना याद नहीं करती जितनी आप करती हैं। लेकिन मैं इसके लिए आपको धन्यवाद देना चाहती हूँ। आपकी वजह से तमिलनाडु के लोग पेरियार और आम्बेडकर के बारे में पढ़ने लगे हैं, और हर जगह लोग नेहरू को पढ़ने लगे हैं।" अमित शाह ने अपने भाषण में पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का मजाक उड़ने की कोशिश की थी। कनिमोझी उनके बाद बोलीं तो उन्होंने नेहरू पर अमित शाह को करारा जवाब दिया।

मोदी ने शाह की तारीफ की 

पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण की तारीफ की है। अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में भाषण दिया था। मोदी ने कहा- लोकसभा की अपनी महत्वपूर्ण स्पीच में गृह मंत्री अमित शाह जी ने ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव को लेकर पूरे विस्तार से जानकारी साझा की है। आतंक के खिलाफ इन अभियानों ने कायर आतंकियों के सफाए में काफी अहम भूमिका निभाई है। अपने संबोधन में उन्होंने देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमारी सरकार के प्रयासों पर भी पूरी गंभीरता से अपनी बात रखी है।

राज्यसभा में हंगामा

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर राज्यसभा में मंगलवार 29 जुलाई को बहस शुरू नहीं हो सकी। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद सभापति से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर बहस की मांग की गई। लेकिन उन्होंने इस संबंध में सभी नोटिसों को नामंजूर कर दिया। इस पर विपक्ष ने जबरदस्त हंगामा किया। राज्यसभा इस वजह से दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

बिहार SIR पर फिर प्रदर्शन 

विपक्षी नेताओं ने संसद परिसर में SIR के खिलाफ प्रदर्शन किया। इंडिया गठबंधन के कई सांसदों ने इसे वापस लेने की मांग की। संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले, कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, आरजेडी और वामपंथी दलों सहित कई विपक्षी सांसदों ने संसद के मकर द्वार की सीढ़ियों पर विरोध प्रदर्शन किया और नारे लगाए। उन्होंने "वोट की चोरी बंद करो" और "SIR वापस लो" जैसे नारे लगाए। विपक्षी सांसदों ने "वोट लूट बंद करो" लिखी तख्तियाँ और चुनाव आयोग और सरकार के बीच कथित "मिलीभगत" वाली तख्तियाँ भी ले रखी थीं।
ऑपरेशन सिंदूर पर आज मंगलवार 29 जुलाई को लोकसभा में बहस जारी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा को संबोधित करने वाले हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा सोमवार को शुरू की गई बहस देर रात 1 बजे तक जारी रही थी। लोकसभा में उपनेता गौरव गोगई ने इस बहस में सरकार पर जमकर निशाना साधा। 
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राजनाथ और जयशंकर की तारीफ

एक्स पर एक पोस्ट में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी का भाषण शानदार रहा, जिसमें उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में भारत के सुरक्षा तंत्र की सफलता और हमारे सशस्त्र बलों के साहस पर एक गहन नजरिया प्रस्तुत किया।" जयशंकर के भाषण की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा, "विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर जी का भाषण उत्कृष्ट था। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे दुनिया ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से आतंकवाद के खतरे से लड़ने के भारत के नजरिए को स्पष्ट रूप से सुना है।"