भारत ने इसराइल द्वारा दोहा पर किए गए हमलों की कड़ी निंदा की है। इस हमले से मध्य पूर्व में तनाव के बीच भारत के प्रधानमंत्री ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी से फोन पर बातचीत की और उनके साथ एकजुटता दिखाई। प्रधानमंत्री ने इस हमले को कतर की संप्रभुता का 'स्पष्ट उल्लंघन' बताते हुए क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा करार दिया। 

प्रधानमंत्री मोदी ने अमीर के शेख से हुई बातचीत के बाद सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर यह जानकारी दी है। पीएम ने कहा, 'कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से बात की और दोहा में हुए हमलों पर गहरी चिंता व्यक्त की। भारत कतर की संप्रभुता के उल्लंघन की निंदा करता है। हम बातचीत और कूटनीति के माध्यम से मुद्दों के समाधान और तनाव को बढ़ने से रोकने के पक्षधर हैं। भारत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए और सभी रूपों में आतंकवाद के विरुद्ध दृढ़ता से खड़ा है।'

दोहा पर इसराइली हमला

प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान तब आया है जब 9 सितंबर 2025 को दोहा की राजधानी में इसराइली वायुसेना ने हमास के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्यों पर 'सटीक हमला' किया। इसमें कम से कम छह लोगों की मौत हो गई। इसराइली सेना ने दावा किया कि यह हमला 7 अक्टूबर 2023 के हमास के हमले के लिए जिम्मेदार नेताओं को निशाना बनाने का था। हालाँकि, हमास ने कहा कि उनके प्रमुख नेता बच गए। कतर के आंतरिक सुरक्षा बल का एक सदस्य भी इस हमले में मारा गया, जबकि कई लोग घायल हुए।

दोहा में हुए धमाकों के बाद धुंआ उठता नजर आया। मीडिया रिपोर्टों में प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से कहा गया है कि दोपहर के समय आठ से अधिक विस्फोट हुए। रिहायशी इमारतों को निशाना बनाया गया। कतर के विदेश मंत्रालय ने इसे 'कायरतापूर्ण इसराइली हमला' बताते हुए सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानदंडों का 'घोर उल्लंघन' कहा। कतर ने इसे 'राज्य प्रायोजित आतंकवाद' करार देते हुए कहा कि इसराइल ने मध्यस्थता की भूमिका निभा रहे कतर की संप्रभुता का अपमान किया है। इसने कहा, 'यह हमला शांति वार्ताओं को पटरी से उतारने जैसा है, जहां हमास और इसराइल के बीच युद्धविराम पर चर्चा हो रही थी।'
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यूएन से शिकायत

प्रधानमंत्री की कतर के अमीर से फोन कॉल में उन्होंने कतर के साथ पूर्ण एकजुटता व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत हमेशा से क्षेत्रीय संप्रभुता और शांति का समर्थन करता है। कतर के अमीर ने भी इस बातचीत में इसराइल की कार्रवाई की निंदा की और कहा कि यह कतर की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा है। कतर ने संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखकर इस हमले की शिकायत की है। कतर ने गजा युद्धविराम मध्यस्थता को अस्थायी रूप से निलंबित करने की घोषणा की है। यह अमेरिका और मिस्र के साथ संयुक्त प्रयास था।

इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमले को 'पूरी तरह जायज' ठहराया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस हमले की व्यापक निंदा हो रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया, हालांकि हमास नेताओं को निशाना बनाने को सही ठहराया गया। व्हाइट हाउस ने कहा कि हमले से इसराइल या अमेरिका के हितों की रक्षा नहीं होती। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इसे कतर की 'संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का घोर उल्लंघन' कहा। यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने दोहा के साथ पूर्ण समर्थन का ऐलान किया। सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने हमले को 'अपराधपूर्ण कृत्य' बताया।
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यूरोपीय देशों ने भी की निंदा

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा कि यह कतर की संप्रभुता का उल्लंघन है और शांति प्रयासों को नुकसान पहुंचाएगा। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इसे 'अस्वीकार्य' कहा, जबकि जर्मनी की विदेश मंत्री अन्नालिना बेयरबॉक ने चेतावनी दी कि इससे बंधकों की रिहाई प्रभावित होगी। यूरोपीय संघ ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया।

जानकारों का मानना है कि यह घटना गजा में युद्धविराम की उम्मीदों को चकनाचूर कर सकती है, जहां 48 बंधकों की रिहाई पर चर्चा चल रही थी। कतर अब अपनी मध्यस्थता भूमिका पर पुनर्विचार कर रहा है। भारत ने इस संदर्भ में क्षेत्रीय शांति के लिए कूटनीतिक प्रयासों को तेज करने का संकेत दिया है।