राज्यपालों के पास संवैधानिक रूप से स्वीकृत केवल तीन विकल्प हैं: स्वीकृति, विधेयक को विधानसभा में वापस भेजना या इसे राष्ट्रपति के पास भेजना। वे विधायी प्रक्रिया को "नाकाम" करने के लिए विधेयक को लंबे समय तक रोक कर नहीं रख सकते।सुप्रीम कोर्ट की महत्वपूर्ण टिप्पणी, 20 नवंबर 2025
प्रेसिडेंशियल रिफरेंस पर सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला
राज्यपाल लंबे समय तक बिल नहीं रोक सकते, लेकिन समय सीमा भी तय नहींःSC
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- 20 Nov, 2025

Presidential Reference Judgement: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि राज्यपाल या राष्ट्रपति द्वारा विधेयकों को स्वीकृति देने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की जा सकती। लेकिन राज्यपाल लंबे समय तक विधेयकों को रोक नहीं सकते। ऐसे मामलों की समीक्षा हो सकती है।


















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