आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा
डीयू के उच्च शिक्षा विभाग ने 18 अगस्त को मनोज झा को 4 सितंबर को कॉलेज और यूनिवर्सिटी के शिक्षकों को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया था। निमंत्रण पत्र के अनुसार, उनसे सामाजिक कार्य और सामाजिक विज्ञान में एक रिफ्रेशर कोर्स के लिए रिसोर्स पर्सन बनने का अनुरोध किया गया था। इस निमंत्रण पत्र को केंद्र की निदेशक प्रोफेसर गीता सिंह द्वारा भेजा गया था। यहां रिसोर्स पर्सन से आशय उस व्यक्ति से है, जो किसी विषय का एक्सपर्ट माना जाता है और जो तमाम लोगों को अपने अनुभव और ज्ञान बांटता है।
आरजेडी सासंद मनोज झा ने सवाल किया है- "यह मेरा विश्वविद्यालय है। मैं यहां पढ़ाता हूं। मैंने यहां अध्ययन किया है और मैं यहां पढ़ा रहा हूं। मैं संसद में, सड़क पर बोल सकता हूं, अखबारों में लिख सकता हूं। लेकिन मैं अपने विश्वविद्यालय के शिक्षकों को संबोधित नहीं कर सकता। डर किस बात का है?"
आरजेडी नेता ने भाजपा के विश्वगुरु भारत के नारे पर कटाक्ष किया। उन्होंने पूछा कि "क्या इसी तरह हम विश्वगुरु बनेंगे? विश्वविद्यालयों को कुएं में बदल कर?"
राज्यसभा में अपने मुखर भाषणों के लिए जाने जाने वाले मनोज झा ने कहा कि वह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखेंगे और इसे उनके ध्यान में लाएंगे। उन्होंने कहा- "मैं उन्हें दिखाऊंगा कि उनकी नाक के नीचे क्या हो रहा है। अगर आपको ऐसी हरकतें मंजूर नहीं हैं, तो उन पर लगाम लगाएं। हम किसी विश्वविद्यालय को मरते हुए नहीं देख सकते।"