75 वर्ष की उम्र में रिटायरमेंट वाले बयान पर विवाद के बाद अब आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत ने सफाई दी है और कहा है, 'मैंने कभी नहीं कहा कि मुझे रिटायर होना चाहिए, न ही मैंने कहा कि किसी और को रिटायर होना चाहिए।' उनकी यह सफाई तब आई है जब भागवत ने हाल ही में मोरोपंत पिंगले के उस नज़रिए का ज़िक्र किया था, जिसमें उन्होंने 75 वर्ष की आयु को एक ऐसी सीमा के रूप में देखा, जहां व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारियों को दूसरों को सौंप देना चाहिए। उनके इस बयान के बाद सवाल उठने लगे थे कि भागवत का यह बयान किसके लिए है। खुद के लिए? पीएम मोदी के लिए? या फिर बीजेपी-आरएसएस से जुड़े सभी लोगों के लिए? ऐसे ही उठते सवालों के बीच अब भागवत की सफाई आई है।
कभी नहीं कहा कि किसी को रिटायर होना चाहिए: भागवत की 75 वर्ष की सीमा पर सफाई
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- 28 Aug, 2025
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने 75 वर्ष की उम्र सीमा पर उठे विवाद पर तीन दिवसीय व्याख्यान शृंखला 'संघ की 100 वर्षों की यात्रा - नए क्षितिज' में सफाई दी। जानें पूरा बयान।

कभी नहीं कहा कि किसी को रिटायर होना चाहिए: भागवत ने 75 वर्ष की सीमा पर दी सफाई
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस प्रमुख भागवत एक तीन दिवसीय व्याख्यान शृंखला 'संघ की 100 वर्षों की यात्रा - नए क्षितिज' के समापन पर बोल रहे थे। भागवत ने अपने व्याख्यान में 75 वर्ष की आयु सीमा के मुद्दे पर कहा कि आरएसएस में ऐसी कोई नीति नहीं है जो किसी व्यक्ति को एक निश्चित उम्र में रिटायर होने के लिए बाध्य करती हो। उन्होंने कहा, 'संघ का काम स्वयंसेवकों की सेवा और समाज के लिए समर्पण पर आधारित है। यहाँ उम्र की कोई सीमा नहीं है। मैंने कभी नहीं कहा कि मुझे या किसी और को एक खास उम्र में काम छोड़ देना चाहिए।'