नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर बीजेपी पर विपक्षी दल तो हमलावर हैं ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल दल भी इस क़ानून को लेकर नाराज़गी जता रहे हैं। एनडीए में शामिल एक अहम सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल (शिअद) (बादल) ने भी कहा है कि इस क़ानून में मुसलिमों को भी भारत की नागरिकता देने का प्रावधान होना चाहिए। शिअद ने कहा है कि वह नैशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजंस (एनआरसी) के पूरी तरह ख़िलाफ़ है क्योंकि यह अल्पसंख्यकों के मन में भय पैदा करता है। कुछ दिन पहले बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार ने भी कहा था कि वह बिहार में एनआरसी को लागू नहीं करेंगे।