पिछले महीने ही खुदरा महंगाई छह महीने के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचने की रिपोर्ट आई थी और अब थोक महंगाई बढ़ने की ख़बर आई है। यह रिपोर्ट तब आई है जब आशंका जताई जा रही है कि पेट्रोल डीजल की क़ीमतें बढ़ सकती हैं। ऐसा इसलिए कि देश में आखिरी बार इनके दाम जब 2 नवंबर को बढ़े थे तब कच्चे तेल के दाम क़रीब 85 डॉलर प्रति बैरल थे, लेकिन वही कच्चा तेल अब यूक्रेन रूस युद्ध के बाद लगातार 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर है।