बीजेपी के पास 105 विधायक हैं और कुछ निर्दलीय मिलाकर उसका दावा है कि उसके पास 119 विधायक हैं और अगर एनसीपी के 22 विधायक अजीत पवार के साथ आते हैं तो यह योग 141 बैठता है जो बहुमत के आंकड़े से 4 दूर है। लेकिन अगर 35 विधायक अजीत पवार के साथ आते हैं तो यह योग 154 विधायकों का बैठता है और ऐसी स्थिति में उसे विधानसभा में बहुमत साबित करने में कोई मुश्किल नहीं होगी। लेकिन देखना होगा कि कितने विधायक टूट कर अजीत पवार के साथ आते हैं।
फडणवीस की पिछली सरकार में मंत्री रहे गिरीश महाजन ने कहा है कि अजीत पवार ने राज्यपाल को अपने विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंप दी है। उन्होंने कहा कि पवार एनसीपी के विधायक दल के नेता हैं और इसका अर्थ है कि एनसीपी के सभी विधायकों का समर्थन बीजेपी के साथ है।
बता दें कि महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो गया है। शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार बनने की चर्चाओं के बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार सुबह देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजीत पवार को उप मुख्यमंत्री के पद की शपथ दिला दी है।
शपथ लेने के बाद फडणवीस ने कहा कि लोगों ने हमें स्पष्ट जनादेश दिया है लेकिन चुनाव नतीजे आने के बाद शिवसेना ने अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन करने की कोशिश की थी और इस वजह से राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया था। फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार की ज़रूरत थी न कि खिचड़ी सरकार की।
एनसीपी) में टूट होने को लेकर जो अटकलें चल रही थीं, उस पर पार्टी प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने मुहर लगा दी है। सुप्रिया सुले ने अपने वॉट्सऐप स्टेटस में लिखा है कि परिवार और पार्टी दोनों टूट गए हैं।
अचानक हुए इस सियासी घटनाक्रम के बारे में आगे की रणनीति बनाने के लिए शरद पवार ने शनिवार शाम को 4.30 बजे पार्टी के विधायकों की बैठक बुलाई है। पार्टी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा है कि हमने अपने सभी विधायकों के हस्ताक्षर लिए थे और इसी का दुरुपयोग शपथ लेने के लिए किया गया है।