महाराष्ट्र की राजनीति में शरद पवार का कोई सानी नहीं है। उनके राजनीतिक दाँव-पेचों की वजह से कोई उन्हें तेल लगाया हुआ पहलवान कहता है, मतलब ऐसा पहलवान जो आसानी से किसी के हाथ नहीं आता तो कोई उन्हें चाणक्य कहता है। अपने एक दाँव से पवार ने साल 2014 में शिवसेना को सत्ता के हाशिये पर पहुंचा दिया था और आज उसी दाँव से उसको सत्ता के केंद्र में खड़ा कर दिया है।
महाराष्ट्र: पवार के दाँव से बिगड़ गया बीजेपी का सत्ता समीकरण
- महाराष्ट्र
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- 10 Nov, 2019

मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा, यह दावा भले ही शिवसेना बरसों से कर रही है लेकिन आज उसके इस ख़्वाब को साकार कराने में शरद पवार की ही महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा, यह दावा भले ही शिवसेना बरसों से कर रही है लेकिन आज उसके इस ख़्वाब को साकार कराने में शरद पवार की ही महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। दरअसल, इस ख़्वाब की शुरुआत साल 2014 के विधानसभा चुनावों के दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार के एक निर्णय से हुई थी, जिसमें उन्होंने सरकार का गठन करने के लिए भारतीय जनता पार्टी को बिना शर्त समर्थन देने की बात कही थी। शरद पवार के इस दाँव ने प्रदेश में बीजेपी की सरकार तो बना दी थी लेकिन शिवसेना सत्ता के हाशिए पर पहुंच गई थी।