शारदा सिन्हा, भोजपुरी और मैथिली लोक संगीत की अविस्मरणीय आवाज़, आज हमारे बीच नहीं हैं। उनके निधन ने संगीत की एक ऐसी धारा को खो दिया है, जिसका रिक्त स्थान शायद कभी भरा न जा सके। उनका संगीत न केवल सुरों की गूँज था, बल्कि एक संस्कृति की पहचान, एक समाज की आत्मा थी। शारदा जी का संगीत हमारे लोक जीवन, उसकी संवेदनाओं और उसकी पहचान को दुनिया तक पहुँचाने का अद्वितीय माध्यम था। वे भोजपुरी और मैथिली गीतों की देवी मानी जाती थीं, और उनकी आवाज़ में वह शक्ति थी जो सीधे दिलों को छू जाती थी।