प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को उनके जन्म दिवस पर शुभकामना का संदेश नहीं भेजा। भेजना भी नहीं चाहिए था। जिनपिंग ने भी कोई उम्मीद नहीं रखी होगी। हमारे देश की जनता ने भी इस सब को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया। कूटनीतिक क्षेत्रों ने ध्यान दिया होगा तो भी इस तरह की चीज़ों की सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं की जाती।
चीन नाराज़ हो जाएगा, इस डर से भारत ने दलाई लामा को नहीं दी जन्मदिन की शुभकामनाएँ?
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- 10 Jul, 2020

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को उनके जन्म दिवस पर शुभकामना का संदेश नहीं भेजा।
सोशल मीडिया पर ज़रूर इस विषय के जानकार लोगों ने कुछ ट्वीट्स अवश्य किए पर वे भी जल्द ही शब्दों की भीड़ में गुम हो गए। ऐसे ट्वीट्स पर न तो ‘लाइक्स’ मिलते हैं और न ही वे री-ट्वीट होते हैं। उल्लेख करना ज़रूरी है कि चीन के राष्ट्रपति का जन्मदिन पंद्रह जून को था। यह दिन प्रत्येक भारतवासी के लिए इसलिए महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि इसी रात चीनी सैनिकों के साथ पूर्वी लद्दाख़ की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में हमारे बीस बहादुर सैनिकों ने अपनी कुर्बानी दी थी।