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'रिपब्लिक' ने पेंटागन के पास विस्फोट की फर्जी ख़बर कैसे चला दी?

अमेरिका में पेंटागन के पास एक विस्फोट दिखाने का दावा करने वाली एक नकली तस्वीर को सोमवार को भारत के एक टीवी चैनल ने लाइव ख़बर चला दी। उसने तो एक विशेषज्ञ को जोड़कर उस ख़बर का विश्लेषण भी कर दिया। जबकि जिस तसवीर के आधार पर वह ख़बर चलाई गई वह तसवीर ही कथित तौर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से तैयार की गई थी। आसान शब्दों में कहें तो उस तसवीर को कम्प्यूटर पर तैयार किया गया था।

अब उस टीवी चैनल के स्क्रीनशॉट को साझा करते हुए चैनल की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पत्रकार रोहिणी सिंह ने एक विदेशी पत्रकार द्वारा भारतीय टीवी चैनल 'रिपब्लिक' की उस फर्जी ख़बर को रिट्वीट करते हुए लिखा है, 'फर्जी ख़बरें फैलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर रहे नोएडा के चैनल!'

एबीसी टीवी न्यूज़ के प्रोड्यूसर टायसन व्हेलन ने ट्वीट में लिखा है, 'विशेष रूप से भारतीय समाचार संगठन रिपब्लिक पेंटागन विस्फोट की नकली तस्वीर को लेकर पूरी तरह ब्रेकिंग न्यूज कवरेज मोड में चला गया। यहां तक कि चर्चा के लिए एक 'रणनीतिक विशेषज्ञ' तक को ले आए।'

हालाँकि, उस तसवीर के आधार पर कई सत्यापित ट्विटर खातों द्वारा पेंटागन के पास विस्फोट की फ़ेक ख़बर को साझा किया गया। इससे इतना भ्रम पैदा हुआ कि अमेरिका के शेयर बाजार में थोड़ी देर के लिए गिरावट तक आ गई थी। हालाँकि, स्थानीय अधिकारियों ने बाद में पुष्टि की कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। जब उस तसवीर के फेक होने की ख़बर आई तब शेयर बाज़ार संभला।

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इस बीच उस तस्वीर के आधार पर ख़बर बनाए जाने के रिपब्लिक के एक वीडियो क्लिप को साझा करते हुए मुहम्मद ज़ुबैर ने ट्वीट किया है, "तो रिपब्लिक ने पेंटागन में हुए विस्फोट की एक 'लाइव और ब्रेकिंग' ख़बर प्रसारित की। उन्होंने विस्फोट के बारे में चर्चा करने के लिए 'रणनीतिक विशेषज्ञ' प्रो. माधव नलपत को भी आमंत्रित किया। लेकिन यह एक एआई से तैयार की हुई तसवीर थी।"
सीएनएन की रिपोर्ट में कहा गया है कि जो तसवीर सोशल मीडिया पर साझा की गई उसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई से तैयार किए जाने के सभी हॉलमार्क हैं। इस तसवीर को कई सत्यापित खातों द्वारा साझा किया गया था। इसमें से ब्लू टिक वाले खाते भी शामिल हैं। उनमें से एक झूठा दावा किया गया था कि वह 'ब्लूमबर्ग फीड' न्यूज से जुड़ा था। ब्लूमबर्ग न्यूज़ की ख़बरों को विश्वसनीय माना जाता है और यही वजह है कि ब्लूमबर्ग के नाम का इस्तेमाल कर 'ब्लूमबर्ग फीड' नाम के ब्लू टिक वाले एक नकली खाते से इसको साझा किया गया था। बाद में ट्विटर ने 'ब्लूमबर्ग फीड' खाते को सस्पेंड कर दिया लेकिन तब तक काफ़ी नुक़सान हो चुका था। हालाँकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उस अकाउंट के पीछे कौन था या तस्वीर कहां से आई थी।

बता दें कि ट्विटर के मालिक एलन मस्क के अधीन ट्विटर ने मासिक भुगतान के बदले में किसी को भी एक सत्यापित खाता प्राप्त करने की अनुमति दी है। नतीजतन, ट्विटर सत्यापन अब एक संकेतक नहीं है कि एक खाता उसका प्रतिनिधित्व करता है जिसका वह प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है।

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सीएनएन ने ख़बर में भारतीय टीवी चैनल पर फेक ख़बर प्रकाशित होने की ख़बर को भी दिया है। इसने कहा है कि विस्फोट की झूठी रिपोर्टों ने एक प्रमुख भारतीय टेलीविजन नेटवर्क पर भी प्रसारित होने का मार्ग प्रशस्त किया। रिपब्लिक टीवी ने ख़बर में बताया था कि एक विस्फोट हुआ था, जिसके प्रसारण में नकली तस्वीर दिखाई गई थी और रूसी समाचार आउटलेट आरटी की रिपोर्ट का हवाला दिया गया था। बाद में जब यह स्पष्ट हो गया कि घटना हुई ही नहीं थी तो उसने रिपोर्ट वापस ले ली।
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क़मर वहीद नक़वी
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