एंटी सैटेलाइट हथियार को लेकर बीजेपी और विपक्षी दलों में संग्राम छिड़ गया है। जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में इस बात की घोषणा की, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने उन पर तीख़ा तंज कसा। इसके बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती, एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री पर वैज्ञानिकों की आड़ में राजनीति करने का आरोप लगाया।
बता दें कि भारत ने अंतरिक्ष में बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए लो अर्थ ऑर्बिट में एक सैटेलाइट को मार गिराया है। अंतरिक्ष में किसी सैटेलाइट को निशाना बनाकर उसे ध्वस्त करने की क्षमता रखने वाला भारत चौथा देश बन गया है। इस अभियान को 'मिशन शक्ति' नाम दिया गया था।
राहुल गाँधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह घोषणा करने के लिए देश को 45 मिनट तक इंतजार करवाया, राहुल ने सवाल पूछते हुए कहा कि संबोधन के दौरान क्या आपने प्रधानमंत्री का चेहरा देखा। राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री को पता चल गया है कि कांग्रेस अब लोगों को ‘न्याय’ देने जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने ने कहा कि प्रधानमंत्री इस बात से डरे हुए हैं कि उनका समय जा चुका है। इससे पहले राहुल ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए उन्हें विश्व रंगमंच दिवस की शुभकामनाएँ दीं थीं। राहुल ने साथ ही डीआरडीओ के वैज्ञानिकों से कहा था कि हमें आप पर गर्व है।
जेटली ने कहा, बहुत समय से हमारे वैज्ञानिकों की ऐसा करने की इच्छा थी लेकिन उनका कहना था कि भारत सरकार उन्हें इसकी अनुमति नहीं देती। जेटली के मुताबिक़, 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी अनुमति दी और तब जाकर इस दिशा में काम शुरू हुआ। जेटली ने कहा कि यह देश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।
एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बेरोज़गारी, गाँवों की समस्याएँ और महिला सुरक्षा जैसे बुनियादी मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश की है। अखिलेश ने कहा कि भारत को सुरक्षित बनाने के लिए डीआरडीओ, इसरो को बधाई।
थोड़ी ही देर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भी सरकार के बचाव में कूद पड़ा। संघ ने ट्वीट कर कहा है कि एंटी सैटेलाइट हथियार के सफलतापूर्वक परीक्षण एवं भारत के अंतरिक्ष महाशक्ति बनने के अहम अवसर पर भारत के वैज्ञानिकों एवं भारत सरकार के नेतृत्व का समस्त देशवासियों की ओर से हार्दिक अभिनंदन।
बिहार विधानसभा में विपक्ष ने नेता तेजस्वी यादव ने तंज कसा कि साहब पूरी तरह 'नर्वसा' गए हैं और आज यह एक बार फिर साबित हो गया है। तेजस्वी ने राहुल गाँधी की न्याय योजना का जिक़्र करते हुए कहा है कि आप चिंता न करें, सभी को न्याय मिलेगा।
न्यूज़ वेबसाइट ‘द प्रिंट’ के संपादक शेखर गुप्ता ने ट्वीट किया कि ए-सैट का लाँच होना एक बहादुरी भरा क़दम है लेकिन चुनाव से पहले प्रधानमंत्री का ख़ुद इस बारे में बताना उनकी हताशा को दिखाता है जबकि आज से पहले वह इस तरह हताश नहीं दिखाई देते थे। उन्होंने आगे कहा कि बालाकोट हमले के एक ही महीने में फ़ीके पड़ने के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर सुर्खियाँ बटोरने की यह एक नई कोशिश है।
साप्ताहिक उर्दू अख़बार ‘नई दुनिया’ के संपादक और पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी ने ट्वीट कर कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों को इसके लिए बधाई दी जानी चाहिए लेकिन प्रधानमंत्री मोदी बेवजह इसका श्रेय ले रहे हैं। सिद्दीकी ने कहा कि जब पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने अंतरिक्ष अनुसंधान की स्थापना की थी तो जनसंघ ने उन पर आरोप लगाया था कि वह अपने अहंकार को संतुष्ट करने के लिए परमाणु और अंतरिक्ष अनुसंधान पर एक ग़रीब राष्ट्र का पैसा बर्बाद कर रहे हैं। लेकिन आज हम नेहरू की ही वैज्ञानिक सोच का लाभ उठा रहे हैं।
अब सवाल यह उठता है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी या न्यूज़ वेबसाइट ‘द प्रिंट’ के संपादक शेखर गुप्ता को प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसने की क्या ज़रूरत थी। बता दें कि राहुल गाँधी ने ‘न्याय योजना’ के तहत ग़रीब परिवारों को 72 हज़ार रुपये देने की बात कही थी। उम्मीद की जा रही थी कि राहुल की योजना को मिल रही लोकप्रियता की काट के लिए बीजेपी भी ऐसी कोई घोषणा कर सकती है। सोशल मीडिया पर यह चर्चा है कि लोकसभा चुनाव के मौक़े पर जनता को प्रभावित करने के लिए ही प्रधानमंत्री मोदी ने यह घोषणा की है।