भारत और इंग्लैंड के बीच 20 जून से शुरू होने वाली पाँच टेस्ट मैचों की सीरीज अब नए नाम से जानी जाएगी। पहले पटौदी ट्रॉफी के नाम से मशहूर इस सीरीज का नाम बदलकर तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी कर दिया गया है। बीबीसी की रिपोर्ट में यह कहा गया है। यह फ़ैसला इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड यानी ईसीबी और बीसीसीआई के बीच आपसी सहमति से लिया गया है, जिसका उद्देश्य क्रिकेट के दो दिग्गज खिलाड़ियों सचिन तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन के योगदान को सम्मानित करना बताया जा रहा है। लेकिन इस फ़ैसले पर सवाल उठ रहे हैं। कुछ लोग इसे मंसूर अली खान पटौदी और उनके पिता इफ्तिखार अली खान के अपमान से जोड़ रहे हैं तो कुछ लोग इसे मुस्लिम पहचान से जोड़ रहे हैं। आख़िर ऐसे सवाल क्यों उठ रहे हैं?
पटौदी ट्रॉफी का नाम बदलकर तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी क्यों किया?
- खेल
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- 7 Jun, 2025
पटौदी ट्रॉफी का नाम बदलकर तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी रखने के फैसले ने क्रिकेट प्रेमियों में हलचल मचा दी है। जानिए बीसीसीआई और ईसीबी ने ऐसा क्यों किया और इसके पीछे की वजहें क्या हैं।

इस सवाल का जवाब पाने से पहले यह जान लें कि आख़िर नाम बदलने के पीछे कारण क्या बताया गया है। ईसीबी और बीसीसीआई के अनुसार, यह बदलाव दोनों देशों के क्रिकेट इतिहास में तेंदुलकर और एंडरसन के अतुलनीय योगदान को मान्यता देने के लिए किया गया है। सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर में 200 टेस्ट मैच खेले और 15,921 रन बनाए, जबकि जेम्स एंडरसन टेस्ट क्रिकेट में 700 से अधिक विकेट लेने वाले पहले तेज गेंदबाज हैं। नई ट्रॉफी का अनावरण 11 जून को होने की संभावना है।