सुनील मनोहर गावस्कर यानी भरोसे की एक बेमिसाल पहचान। भारतीय क्रिकेट में गावस्कर से पहले भी बल्लेबाज़ी की एक महान विरासत थी और गावस्कर के बाद की भी पीढ़ी ने महानता के नये मानदंड तय किये हैं। लेकिन, सुनील गावस्कर तो वाकई में बल्लेबाज़ी के अदभुत मास्टर थे।
50वीं सालगिरह: सुनील गावस्कर जो तेंदुलकर और द्रविड़ के आदर्श हैं!
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- 6 Mar, 2021 

जब जब इतिहास में वेस्टइंडीज़ की ख़तरनाक तेज़ गेंदबाज़ों की चौकड़ी का जिक्र होगा तब तब लोगों को गावस्कर का नाम लेना ही पड़ेगा। मैल्कम मार्शल, माइकल होल्डिंग, एंडी रॉबर्ट्स और कोलिन क्राफ्ट की चौकड़ी के ख़िलाफ़ जिस दौरे में इक्के-दुक्के शतक लगाना महानता का तमगा दिलाने के लिए काफी हुआ करता था, उस विश्वविजयी आक्रमण के खिलाफ़ गावस्कर ने अपने करियर के 13 शतक लगाये। औसत 65.45।
6 मार्च 1971 यानी आज से ठीक 50 साल पहले वेस्टइंडीज़ के दौरे पर गावस्कर ने टीम इंडिया के लिए पहला टेस्ट खेला। अगर 'पूत के पाँव पालने में नज़र आते हैं' वाली कहावत को टेस्ट इतिहास में सिर्फ एक बल्लेबाज़ ने अपनी पहली सीरीज़ के धमाल से सच साबित किया तो वो गावस्कर ही थे। आखिर ना तो उनसे पहले किसी ने अपनी पहली सीरीज़ 774 रन बनाये थे और ना उनके बाद अब तक कोई इसके करीब भी पहुँचा हैं।


































