बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जाति जनगणना की माँग क्यों की? क्या वह इसके ज़रिए अति पिछड़ों और अति दलितों को फिर से अपनों खेमे में लाने का दाँव चल रहे हैं?
जाति जनगणना के मुद्दे पर बीजेपी के सामने आख़िर मुश्किल क्या है? क्या सिर्फ़ विपक्षी दलों का ही दबाव है? सहयोगी दल तो भी जाति जनगणना के पक्ष में हैं। ख़ुद बीजेपी के कई सांसद भी भी तो पक्ष में हैं।
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाक़ात के लिए नीतीश कुमार को समय नहीं मिलने को लेकर कहा है कि प्रधानमंत्री ने बिहार के मुख्यमंत्री का अपमान किया है। नीतीश कुमार जाति जनगणना पर प्रधानमंत्री से मिलना चाहते हैं।
Satya Hindi News bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। तजस्वी: नीतीश को मिलने का समय न देकर पीएम उनका अपमान कर रहे। राहुल : ट्विटर पक्षपात करने वाला प्लेटफॉर्म, न्यूट्रल नहीं है।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। बिहार सरकार में बीजेपी के मंत्री बोले- जातीय जनगणना होनी चाहिए । राज्यसभा में महिला सांसदों संग बदसलूकी का आरोप, विपक्ष हमलावर
जातीय जनगणना को लेकर विपक्षी दलों की ओर से मोदी सरकार पर दबाव बनाने के बीच बीजेपी के अंदर से भी इसे लेकर आवाज़ उठ रही है।
मोदी सरकार पर ओबीसी जातियों की सूची बनाने का अधिकार राज्यों को सौंपने वाले विधेयक पास होने के बाद जनगणना में ओबीसी जातियों की गिनती कराने की मांग का दबाव भी बढ़ने लगा है।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। लालू : जातिगत जनगणना नहीं कराई तो जनगणना का बहिष्कार। किन्नौर में पहाड़ का हिस्सा नीचे गिरने से बड़ा हादसा
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। बीजेपी सांसद ने ही उठा दिया जातिगत जनगणना मुद्दा, बीजेपी असहज। नफ़रती नारे: उपाध्याय समेत 4 को न्यायिक हिरासत में भेजा
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने अपनी पुरानी हास्य विनोद की शैली में जाति जगणना की माँग को नई धार दी और पूछा कि जानवरों की संख्या वाले आँकड़ों का क्या अचार डालें?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि यदि केंद्र ने जाति आधारित जनगणना शुरू नहीं की तो इसके लिए राज्य स्तर पर चर्चा शुरू की जा सकती है।
ओबीसी की जनगणना पर मायावती ने भी सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है ,क्या है इसका अर्थ .आज जनादेश चर्चा इसी पर शाम सात बजे
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। ‘जातिगत जनगणना कराई तो BSP करेगी केंद्र का समर्थन’ । जाति जनगणना पर पीएम से समय मांगा था, जवाब नहीं मिला: नीतीश
देश में जातीय जनगणना की जोर पकड़ती मांग के बीच बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी अपने पत्ते खोल दिए हैं।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। जाति जनगणना पर पीएम से समय मांगा था, जवाब नहीं मिला: नीतीश । नीतीश बोले - जातिगत जनगणना करिए, सभी के हित में है
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि वह जाति आधारित जनगणना पर प्रधानमंत्री मोदी से मिलना चाहते थे और मुलाक़ात के लिए समय मांग था, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।
बिहार में विपक्ष का नेता और मुख्यमंत्री, दोनों ही जाति जनगणना के पक्ष में हैं। तेजस्वी यादव कर्नाटक मॉडल की बात कर रहे हैं तो नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी से मिलने का समय माँग रहे हैं। क्या है मामला?
क्या राजनीतिक नुक़सान होने के डर से बीजेपी जाति आधारित जनगणना नहीं करवाना चाहती? ऐसा करने से फ़ायदा किसको होगा? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- विजय त्रिवेदी, दिलीप मंडल, डॉ. रविकांत, डॉ. सतीश प्रकाश -
यूनाइटेड डिस्ट्रिक्ट इन्फॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (यूडीआईएसई प्लस) की रिपोर्ट चर्चा में है क्योंकि इसमें स्कूल में पंजीकरण के आधार पर विभिन्न जातियों के बच्चों का अनुमान लगाया गया है।
जाति-आधारित जनगणना की माँग का औचित्य क्या है? मोदी सरकार उसके लिए क्यों तैयार नहीं है? प्रो. मुकेश कुमार बात कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार प्रो. दिलीप मंडल से-
केंद्र सरकार ने ओबीसी की जनगणना कराने की मांग खारिज कर दी है। संसद में सरकार ने कहा है कि ऐसी कोई योजना नहीं है। बीजेपी और बिहार में उसके सहयोगी जदयू के बीच टकराव की पूरी संभावना बन रही है।
महाराष्ट्र् सरकार के प्रस्ताव के खारिज किए जाने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जाति जनगणना का प्रस्ताव क्यों पारित कराया?
जाति जनगणना पर महाराष्ट्र सरकार प्रस्ताव पास करने से राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति आदि को दलित व पिछड़ी जाति बताकर वंचित तबक़े का हितैशी होने का दावा करने वाली बीजेपी फँसती नज़र आ रही है।
यह संदेह होना लाज़मी है कि जनगणना क़रीब आते ही सरकार ने नागरिकता संशोधन क़ानून और नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजंस का नाटक क्यों शुरू कर दिया है?