‘प्रभु अब पगलवाइए मत, हमें यह आदर्श रामराज्य नहीं चाहिए’
कोरोना संकट के बीच जनता आज त्राहिमाम कर रही है। कोई सुनने वाला नहीं है। राम, तुम जिस करोड़ों लोगों की आस्था से भगवान हो, वे लोग मानवता के सबसे बड़े संकट से जूझ रहे हैं। भेड़-बकरियों की तरह सड़कों पर मर रहे हैं। क्या तुम्हें उनकी कोई सुध नहीं है?