जिस पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि पर राजद्रोह से लेकर, हिंसा में साज़िश रचने और खालिस्तानियों से संबंध बताने के आरोप लगाए गए थे उसमें 8 महीने बाद भी चार्जशीट क्यों नहीं? बिना सबूत ही लगाए थे आरोप?
पर्यावरण के मुद्दों पर काम करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता दिशा रवि की एक याचिका पर केंद्र सरकार ने अब तक दिल्ली हाई कोर्ट में जवाब दाख़िल नहीं किया है।
किसान आन्दोलन से जुड़े टूलकिट शेयर करने के मामले में गिरफ़्तार और उसके बाद रिहा पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि ने सोशल मीडिया पर अपना अनुभव साझा किया है। उन्होंने शनिवार को अपने पोस्ट में कहा कि उनकी स्वायत्तता का उल्लंघन किया गया।
दिल्ली की एक अदालत ने दिशा रवि मामले में दिल्ली पुलिस की तीखी आलोचना करते हुए उसे फटकार तो लगाई ही है, राज्य के लिए कई नए मानक भी बना दिए हैं।
दिशा रवि को जमानत मिल गई और इस ज़मानत देते समय कोर्ट ने जो टिप्पणी की है वह दिल्ली पुलिस के लिए बड़ा झटका है। अदालत ने कहा है कि जिन आरोपों के तहत दिशा को गिरफ़्तार किया गया है उसके लिए रत्ती भर सबूत नहीं है।
पर्यावरण के मुद्दों पर काम करने वाली कार्यकर्ता दिशा रवि को मंगलवार को जमानत मिल गई है। दिशा रवि को पटियाला हाउस कोर्ट ने 1 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है।
किसान आंदोलन से जुड़ी कोई ‘टूलकिट’ जलवायु नेत्री ग्रेटा तनबर्ग (थनबर्ग) के साथ साझा करने और उसे सम्पादित करने के आरोप में दिशा रवि को दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने बंगलुरू से हिरासत में ले लिया था।
दिशा पर आरोप है कि उसने एक टूलकिट को तैयार करने और इसे सोशल मीडिया पर आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है।
47 रिटायर्ड जजों और प्रशासनिक अधिकारियों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिख कर यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि इस मामले में दिल्ली पुलिस बग़ैर दवाब के स्वतंत्र रूप से काम करे।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। दिशा रवि को 3 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया । दिशा रवि केस : ‘पक्षपातपूर्ण और सनसनी वाली पत्रकारिता हो रही’
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। दिशा रवि केस : ‘पक्षपातपूर्ण और सनसनी वाली पत्रकारिता की हो रही’ । उन्नाव: लड़कियों के शरीर पर चोट के निशान नहीं- पुलिस
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिशा रवि मामले में कुछ न्यूज़ चैनलों को सनसनी फैलाने से बचने को कहा है। कोर्ट ने कहा है कि 'आम तौर पर मीडिया इस तरह के सनसनीखेज तरीक़े से जानकारी प्रसारित नहीं कर सकता है।'
मीडिया के लिए क्यों लीक किए जाते हैं किसी भी मामले का साक्ष्य? आख़िर कब तक चलेगा मीडिया ट्रायल? दिशा रवि के मामले में न्यूज़ चैनलों को क्यों जारी किया गया है नोटिस? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास की रिपोर्ट। Satya Hindi
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। दिशा रवि की याचिका पर न्यूज़ चैनलों को हाई कोर्ट का नोटिस। शांतिपूर्ण रहा रेल रोको आंदोलन, पटरी पर बैठे किसान
टूलकिट मामले में गिरफ़्तार की गई दिशा रवि की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने इंडिया टुडे, टाइम्स नाउ और न्यूज़ 18 चैनलों को नोटिस दिया है। दिशा ने इन कथित तौर पर उनके निजी बातचीत को लीक होने और प्रसारित होने से रोकने की मांग की है।
सरकार ने एक ऐसी फ़ौज खड़ी कर दी है जो सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर विरोधियों पर टिड्डी दल की तरह धावा बोलती है और सामने वाले की छवि को पलक झपकते ही तार-तार कर देती है।
क्या इस देश में महात्मा गांधी की बताई राह का 'टूलकिट' यानी योजना तैयार करके संगठित अहिंसक आंदोलन करना गुनाह है? यदि ऐसा है तो फिर बापू के नेतृत्व में चला हमारी आज़ादी का समूचा नागरिक अवज्ञा आंदोलन राजद्रोह ही था?
भगवा टूलकिट सही और आंदोलनकारियों की टूलकिट विस्फोटक बम ? कपिल मिश्रा पर फिर कब होगी कार्रवाई ? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास की रिपोर्ट। Satya Hindi
दिशा रवि के ख़िलाफ राष्ट्रद्रोह का क्यों नहीं बनता है? पुडुचेरी में भी बीजेपी की तोड़फोड़, कांग्रेस सरकार अल्पमत में। क्या राम मंदिर को चंदा नहीं देने वालों के घरों को चिन्हित किया जा रहा है? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण। Satya Hindi
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। टूलकिट मामला : शांतनु मुलुक को अग्रिम ज़मानत । दिशा रवि गिरफ्तारी: महिला आयोग ने पुलिस को भेजा नोटिस
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज दिशा रवि पर राजद्रोह का केस नहीं बनता । दिल्ली पुलिस : क़ानून 22 और 50 साल में कोई अंतर नहीं करता
किसान आंदोलन में क्या अब नौजवानों की हिस्सेदारी बढ़ रही है .जिस तरह नवदीप कौर और फिर अब दिशा रवि की गिरफ़्तारी पर प्रतिरोध नजर आ रहा है क्या वह किसान आंदोलन को और ताकत देने वाला है .आज जनादेश चर्चा इसी पर शाम सात बजे.
पर्यावरण के मुद्दों पर काम करने वाली 21 साल की कार्यकर्ता दिशा रवि को इस बात का अंदाजा नहीं रहा होगा कि एक टूलकिट बनाने से उसे जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ेगा।
पर्यावरण के लिए काम करने वाली 22 वर्षीय दिशा रवि पर दिल्ली पुलिस और सरकार की कार्रवाई क्यों की जा रही है? पढ़िए, अख़बारों की संपादकीय टिप्पणी में क्या लिखा गया है।
एक बाइस साल की लड़की गिरफ्तार। खालिस्तानियों से संपर्क का आरोप! कितनी साजिश, कितना दमन! आशुतोष के साथ चर्चा में विकास गुप्ता, तजिंदर सिंह विर्क, विनोद अग्निहोत्री, यशोवर्धन आज़ाद और कार्तिकेय बत्रा।
विपक्ष के नेताओं, पर्यावरण कार्यकर्ताओं के बाद कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ धरना दे रहे किसानों ने भी दिशा रवि को रिहा करने की मांग की है।