क्या सर्वोच्च अदालत ने अपना रुतबा गँवा दिया है?
सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की पीठ से जो सरकार के ख़िलाफ़ गर्जन-तर्जन हो रहा था, उसे फटकार सुनाई जा रही थी, उसका खोखलापन तुरत उजागर हो गया। पूरी सुनवाई किसानों के हित, देश की भलाई का एक कमज़ोर स्वाँग भर थी।