महिलाओं की पहचान थीम पर आधारित नाटक 'बेटियाँ मन्नू की' का मंचन किया गया। जानिए, समाज में महिलाओं की स्थिति और उनकी पहचान से जुड़े पहलुओं का कैसे मंचन किया गया।
पत्रकार शेष नारायण सिंह का निधन हो गया। वरिष्ठ पत्रकार गीताश्री लिखती हैं- आज सुबह मेरे अभिभावक -मित्र पत्रकार शेष नारायण सिंह चले गए। कल उनके प्लाज़्मा का इंतज़ाम भी हो गया था। हम आश्वस्त थे कि अब ख़तरा टल गया है।
र्तमान पारिवारिक ढाँचे में तीन हज़ार साल से कोई बदलाव नहीं आया तो अब क्या आएगा? नसों में जो ग़ुलामी उतार दी गई है, उसे कैसे बाहर निकालेंगे? थप्पड़ एक फ़िल्म नहीं, स्त्री के स्वाभिमान का लहूलुहान चेहरा है।