केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को ‘जश्ने रोशनी’ और ‘जश्ने आभा’ जैसे नामों से क्यों आपत्ति है? हैप्पी दिवाली या हैप्पी होली पर एतराज़ क्यों नहीं?
नीतीश कुमार ने क्या बीजेपी और इसके नेताओं के लिए सख़्त संदेश दे दिया है कि धर्मनिरपेक्ष से कोई समझौता नहीं किया जाएगा?
अभी माननीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह जी बिहार के चार मुस्लिम बहुल जिलों में हिंदू जागरण करने गए थे। पांच दिन वहां के हिंदुओं को गिरिराज जी ने अकेले दम पर जगाये रखा...। पर अब वह क्या कर रहे हैं?
बिहार के सीमांचल में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बयानों से माहौल खराब हो गया है। उनके खिलाफ किशनगंज कोर्ट में शिकायत की गई है कि उन्होंने दंगा भड़काने की कोशिश की। उन्होंने हिन्दुओं से घरों में तलवार रखने को कहा। उन्होंने कहा कि कोई मुसलमान एक थप्पड़ मारे तो सारे हिन्दू मिलकर उसे सौ थप्पड़ मारो। हैरानी की बात यह है कि भाजपा ने न तो इन बयानों से दूरी बनाई और न ही इसकी निन्दा की।
भाजपा के बिहार सांसद प्रदीप सिंह की अपने निर्वाचन क्षेत्र में खुली घोषणा, "अरहरिया में रहना है तो हिंदू बनके रहना होगा" (यदि आप अरहरिया में रहना चाहते हैं तो आपको हिंदू बनना होगा) यह बताता है कि बिहार किस तरह यूपी की राह पर जा रहा है। प्रदीप सिंह का यह घोषणा केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की बहुप्रचारित 'हिंदू स्वाभिमान यात्रा' के दौरान आई। क्या इस कदम का उद्देश्य यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की वर्तमान में यूपी में प्रचलित योजना के अनुरूप सांप्रदायिक नफरत फैलाना नहीं है।
बिहार में अररिया के बाजपा सांसद प्रदीप सिंह का कहना है कि अगर अररिया में रहना है तो हिन्दू बनना होगा। भाजपा सांसद ने यह बयान केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की हिन्दू स्वाभिमान यात्रा के दौरान दिया। उनके इस बयान पर नीतीश कुमार की सरकार ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने वीडियो बयान जारी करके सांसद को सीधी चेतावनी दी है। जानिये पूरी बातः
बिहार में भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र से हिन्दू जागरण यात्रा निकालने की तैयारी कर रहे हैं। जेडीयू बेचैन है। वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामाजिक सद्भभाव का हवाला दे रही है। वो कह रही है कि हमारी सरकार सामाजिक सद्भाव के लिए काम कर रही है। बिहार के लोगों ने भी इस प्रस्तावित यात्रा पर सवाल उठाये हैं। उनका कहना है कि बिहार में भाजपा अपना चिर परिचित साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण का कार्ड खेलना चाहती है। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जेडीयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर की टिप्पणियों का समर्थन करते हुए कहा कि मुसलमानों ने तो मुझे भी वोट नहीं दिया। ठाकुर ने कहा था कि वे मुसलमानों और यादवों के काम नहीं करेंगे, क्योंकि उन्होंने उनको वोट नहीं दिया है।
मोदी सरकार के बड़बोले मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार में अपने समर्थकों को शपथ दिलाई कि वे आगे से हलाल मांस खाकर अपना 'धर्म' नहीं बिगाड़ेंगे। उन्होंने हिन्दुओं से झटका मीट खाने का आग्रह किया है। जानिए और क्या कहाः
बिहार में छुट्टियों का दो कैलेंडर जारी किया गया है। पहले वाले जिस कैलेंडर में हिंदू त्योहारों पर छुट्टियाँ कम करने व मुस्लिमों के बढ़ाने के आरोप लग रहे थे, वह उर्दू स्कूलों के लिए है। तो आख़िर इस कैलेंडर के नाम पर नफ़रत किसने फैलाई?
बिहार के शिक्षा विभाग द्वारा जारी छुट्टी के कैलेंडर पर विवाद हो गया है। आरोप है कि हिंदू पर्व त्योहार की छुट्टियाँ कम कर दी गईं। जानिए इस आरोप में कितनी सचाई।
नीतीश कुमार सरकार के आनंद मोहन की रिहाई से जुड़े एक फ़ैसले ने बीजेपी के लिए बिहार में मुश्किलें खड़ी कर दी हैं? जानिए, आख़िर क्यों बीजेपी असमंजस में है कि वह उस फ़ैसले का समर्थन करे या विरोध।
बीजेपी और लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता पार्टी के बीच प्रतिद्वंद्विता और दोनों दलों के नेताओं के बीच कड़वाहट हमेशा रही है। तो फिर गिरिराज सिंह व निशिकांत दुबे जैसे नेता लालू की बेटी की तारीफ़ क्यों कर रहे हैं?
पीएफआई पर प्रतिबंध क्या लगा, अब आरएसएस पर प्रतिबंध लगाए जाने की बहस छिड़ गई है। बीजेपी के मंत्री संघ पर प्रतिबंध लगाने की चुनौती क्यों दे रहे हैं? क्या इसका कुछ ऐसा इतिहास है?
कोरोना काल और लॉकडाउन में मंत्रियों की आर्थिक हालत कैसी रही है? जानिए, प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट पर इन्होंने अपनी संपत्ति की जानकारी क्या दी है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने विवादित बयान दिया है कि 'यदि कोई अधिकारी नहीं सुने तो बाँस से मारो'। वैसे गिरिराज सिंह अक्सर विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रहे हैं।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। गिरिराज ने मत्स्य पालन मंत्रालय की 'मांग' पर राहुल को घेरा । कल देशभर में किसान करेंगे ‘रेल रोको’ आंदोलन
Suniye Sach। क्या बीजेपी बिहार चुनाव में मुद्दाविहीन है? और मुंगेर हिंसा से किसको कितना होगा नफ़ा-नुक़सान? फ्रांस में एक और गला काटा गया! देखिए सभी ख़बरों का विश्लेषण वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के साथ.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब बिहार चुनाव में धारा 370, राम मंदिर का जिक्र किया तो तभी साफ हो गया था कि बिहार में बीजेपी के पास लोगों से वोट मांगने के लिए ऐसे ही मुद्दे बचे हैं।
चुनाव होते ही बीजेपी को जिन्ना का भूत सताने लगा । आतंकी दिखने लगे । क्या बीजेपी को नीतीश के काम पर भरोसा नहीं है ? देखे आशुतोष के साथ चर्चा - विजय त्रिवेदी, शैलेष, समी अहमद, वली रहमानी, हर्षवर्धन ।Satya Hindi
गिरिराज सिंह ने कभी खूंखार माने जाने वाले रणबीर सेना के प्रमुख ब्रह्मेश्वर मुखिया की बरसी पर उन्हें शहीद बताते हुए ‘कोटि कोटि नमन’ का ट्वीट क्यों किया?
बेगूसराय में मुक़ाबला बेहद रोचक है। कन्हैया कुमार, तनवीर हसन और गिरिराज सिंह के बीच हो रहे इस जोरदार मुक़ाबले में दिनकर के द्वंदगीतों की गूंज सुनाई दी।
जातीयता, साम्प्रदायिकता, राष्ट्रीयता, ग़रीबी, बेरोज़गारी आदि मुद्दों के बीच कौन जीतकर निकलेगा, यह बेगूसराय के लिए ही नहीं पूरे भारत के वैचारिक विमर्श का दिशा सूचक होगा।
बेगूसराय अब मार्क्स और लेनिन में नहीं, महादेव और शैलपुत्री में ज़्यादा विश्वास करता है। बेगूसराय के चुनाव में वामपंथी और भूमिहार समाज अपने वजूद की लड़ाई लड़ रहा है।