हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के हाल के सार्वजनिक कार्यक्रम में विवाद हो गया। स्थिति तब बिगड़ गई जब डीएसपी ने सिंगला को मंच से हटा दिया गया। जानिए क्या है पूरा विवाद।
हरियाणा भाजपा और सरकार में मचा घमासान रुक नहीं रहा है। पार्टी ने सीनियर मंत्री अनिल विज को नोटिस जारी कर दिया है। उन पर पार्टी का अनुशासन तोड़ने का आरोप है। सीएम नायब सैनी दिल्ली से लेकर चंडीगढ़ तक पत्रकारों को राज़ी करने करने के लिए गरमागरम जलेबी खिला रहे हैं लेकिन अपने मंत्रियों को राज़ी नहीं कर पा रहे।
हरियाणा बीजेपी में जंग जारी है। मंत्री अनिल विज ने फिर से बगावती तेवर अपना लिये हैं। उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर हमला किया है। वो प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मोहन लाल बडोली को भी बदलने की मांग कर चुके हैं। जानिये हरियाणा की राजनीतिः
हरियाणा में बीजेपी सरकार पिछले 10 वर्षों से ज्यादा समय से है। तहसीलों में भ्रष्टाचार खत्म करने के दावे के साथ यह सरकार आई थी। तहसीलों का सीधा संबंध किसानों और अन्य ग्रामीण लोगों से है। लेकिन हरियाणा की तहसीलों में इतना भ्रष्टाचार है कि वहां 370 पटवारियों ने 170 लोगों को रिश्वत बटोरने के लिए काम पर रखा हुआ था। भाजपाई राज्य में भ्रष्टाचार के इस ईको सिस्टम का मामला पहली बार इतने बड़े पैमाने पर सामने आया है।
हिमाचल प्रदेश में गैंग रेप की कथित घटना पिछले साल जुलाई में हुई थी, एफ़आईआर दिसंबर में दर्ज हुई। जानिए, आख़िर अब कैसे यह मामला सामने आया।
एग्जिट पोल के पूर्वानुमानों के बावजूद, भाजपा ने हरियाणा में उलटफेर करते हुए 90 विधानसभा सीटों में से 48 सीटें जीतकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। जानिए, कहाँ होगा शपथ ग्रहण समारोह।
चुनाव आयोग ने जो रुझान बताये हैं, उसके मुताबिक हरियाणा में भाजपा की सरकार बनने की उम्मीद है। भाजपा का प्रदर्शन 2019 के मुकाबला ज्यादा बेहतर होने के संकेत साफ-साफ मिल रहे हैं। सवाल ये है कि आखिर कांग्रेस राज्य में सत्ता विरोधी लहर को क्यों नहीं भुना सकी।
हरियाणा में 90 सीटों के लिए शनिवार को मतदान है। भाजपा ने आखिरी दांव खेलते हुए कांग्रेस को ड्रग्स रैकेट में पकड़े गए कथित आरोपी से जोड़कर छवि धूमिल करने की कोशिश की। यहां तक कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी शुक्रवार को इस बारे में ट्वीट किया। लेकिन हरियाणा में कोई असर नहीं है। कांग्रेस ने अशोक तंवर को अपने पाले में लाकर उससे बड़ा धमाका कर दिया। फालौदी सट्टा बाजार कह रहा है कि हरियाणा में कांग्रेस को 60 सीटें तक मिल सकती हैं। हालांकि भाजपा नेता चमत्कार की आस में बैठे हैं। वो चमत्कार कहां से होगा, कोई नहीं जानता। कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं को होशियार किया है।
दिल्ली पुलिस ने बुधवार को दिल्ली में नशीले पदार्थों की बड़ी खेप बरामद करने का दावा किया। इसके कथित सरगना तुषार गोयल को उसके साथियों समेत पकड़ा गया। पुलिस ने संकेत दिया कि सरगना तुषार गोयल के संबंध हरियाणा में कांग्रेस नेता से हैं। अगले दिन गुरुवार 3 अक्टूबर को भाजपा की ओर से मीडिया को फोटो भेजे गए, जिसमें आरोपी को कांग्रेस नेताओं के साथ दिखाया गया। भाजपा का हर छोटा-बड़ा नेता अब कांग्रेस और कथित आरोपी से संबंध जोड़ कर मतदान से ठीक पहले कांग्रेस की छवि खराब करने की कोशिश की है। सारा मामला काफी रोचक है। जानियेः
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के मुख्य रणनीतिकार और गृह मंत्री अमित शाह हरियाणा में प्रचार के आखिरी चरण में गैरहाजिर रहे।दोनों नेताओं ने बुधवार और गुरुवार को किसी रैली को संबोधित नहीं किया। क्या यह माना जाए कि भाजपा ने आखिरी चरण में हथियार डाल दिये हैं। हरियाणा के राजनीतिक संकेत क्या हैंः
मोदी की रैली फ्लॉप होने और मतदाताओं की नाराज़गी ने बीजेपी का संकट कितना बढ़ा दिया है? क्या अब कांग्रेसी ही उसकी लाज बचाएंगे?
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए किसानों ने सोमवार को जीन्द में महापंचायत करके अपनी रणनीति का ऐलान कर दिया है। किसानों ने सभी वोटरों से बीजेपी को सबक सिखाने का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के गृह क्षेत्र नारायणगढ़ में किसानों ने बीजेपी विधायक को गांव में घुसने से रोक दिया। आदमपुर में भाजपा प्रत्याशी भव्य विश्नोई का प्रचार करने पहुंचे कुलदीप विश्नोई के साथ धक्कामुक्की की गई।
दूसरी सूची में पेहोवा के नए उम्मीदवार सहित 21 उम्मीदवारों के नाम हैं। नामांकन की आखिरी तारीख में एक दिन और बचा है लेकिन अभी तक कई सीटों पर उम्मीदवारों का फैसला नहीं हो सका है। तमाम सीटों पर विवाद बढ़ गया है और पदाधिकारी इस्तीफों की धमकी दे रहे हैं। जिन सीटों पर प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं, वहां चुनाव प्रचार शुरू नहीं हो सका है। पार्टी का कोई भी वरिष्ठ नेता रैली करने नहीं पहुंचा।
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने बुधवार शाम को 67 लोगों की पहली सूची जारी की। लेकिन इसके बाद गुरुवार को भाजपा के पुराने नेताओं के इस्तीफे भी दिखाई गिए। इस्तीफा देने वालों का आरोप है कि पार्टी ने दो गिन पहले शामिल हुए दलबदलुओं तक को टिकट दिया लेकिन पुराने विधायकों और नेताओं को पूछा ही नहीं गया। ऐसी ही स्थिति केंद्र शासित जम्मू कश्मीर भाजपा में बनी थी।
हरियाणा में सुनारिया जेल के पूर्व जेलर सुनील सांगवान भाजपा में शामिल हो गए हैं। वो चरखी दादरी से चुनाव लड़ सकते हैं। सरकार ने उनका वीआरएस आवेदन बिजली की तेजी से मंजूर किया। सुनील सांगवान के कार्यकाल में कुख्यात राम रहीम 6 बार जेल से बाहर आया था। सुनील सांगवान के पिता पिछले दिनों भाजपा में आए थे, अब बेटा भी आ गया।
हरियाणा विधानसभा में चुनाव की तारीख बदल गई है। अब 5 अक्टूबर को मतदान होगा और 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। भाजपा ने चुनाव आगे सरकाने की मांग की थी। समझा जाता है कि भाजपा के दबाव पर आयोग ने तारीखों में बदलाव किया है।
केंद्रीय चुनाव आयोग का यह फैसला चौंकाने वाला है कि हरियाणा के प्रमुख शहरों में मतदान केंद्र रिहायशी प्राइवेट बिल्डिंगों में भी बनाए जाएंगे। विपक्षी दलों ने अभी इस फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन यह बहुत आपत्तिजनक है। ऐसा कभी नहीं हुआ। हालांकि वरिष्ठ पत्रकार हरजिंदर ने लिखा है कि इससे भाजपा को कोई फायदा नहीं मिलने वाला है। वैसे तमाम रेजिडेंस वेलफेयर एसोसिएशनों में भाजपा की पैठ है। जानिए हरजिंदर क्या बता रहे हैंः
हरियाणा में विधानसभा चुनाव स्थानीय मुद्दों पर ही केंद्रित रहेगा। सरकार की ओर से डिलीवर क्या हुआ, इसको प्रदेश का मतदाता अपनी कसौटी पर नाप-तौल रहा है। जानिए, कौन-कौन से मुद्दे हैं।
हरियाणा में भाजपा आलाकमान ने पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर को लोकसभा चुनाव से पहले यह सोचकर हटाया था कि राज्य में सरकार विरोधी लहर चल रही है। नतीजे आए तो 5 लोकसभा सीटें भाजपा हार गई। अब जब विधानसभा चुनाव में दो महीने बचे हैं तो सरकार विरोधी लहर और तेज हो गई है और पार्टी राज्य चुनाव में कई विधायकों के टिकट काटने जा रही है, जिनमें कुछ मंत्री भी हैं। राज्य में भाजपा 25 फीसदी नए चेहरे उतार सकती है। जानिए पूरी राजनीतिः
सात राज्यों में 13 विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनावों में बीजेपी को झटका लगा है तो क्या जल्द ही हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के लिए ख़तरे की घंटी है? जानें हरियाणा में क्या हालात हैं।
हरियाणा में भाजपा ने यह मान लिया है कि जाट उसे वोट नहीं डालेंगे। इसलिए अब वो धीरे-धीरे गैर जाटों को पार्टी में आगे बढ़ा रही है। हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल बडोली की नियुक्ति काफी कुछ बता रही है। हरियाणा भाजपा में लंबे समय तक जाट प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। लेकिन पिछले दिनों नायब सिंह सैनी को प्रदेश बनाया गया और उनके सीएम बनने के बाद कहा जा रहा था कि फिर किसी जाट को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद मिलेगा। लेकिन भाजपा ने अब एक ब्राह्मण को यह पद सौंपा है।
भाजपा प्रदेश में तीसरी बार अपनी सरकार बनाने के लिए जोड़तोड़ करने में मशगूल है। कांग्रेस के हुडा गुट से असंतुष्ट कई नेता पार्टी छोड़ भाजपा की ओर बढ़ गए हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव में किसका पलड़ा भारी रहेगा?
बंसी लाल के दिवंगत बेटे सुरेंद्र सिंह की पत्नी किरण चौधरी और उनकी पोती श्रुति चौधरी को भाजपा में शामिल करवा कर पार्टी ने क्या अपना कोई फायदा करा लिया?
हरियाणा में सितंबर-अक्टूबर में विधानसभा चुनाव हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा 10 सीटों से सिमट कर 5 सीटों पर आ गई। उसे समर्थन देने वाले कई निर्दलीय विधायक कांग्रेस में जा चुके हैं। अब भाजपा भी कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं को खोज-खोजकर भाजपा में शामिल कर रही है। किरण चौधरी हरियाणा के पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल की बहू हैं। उनकी बेटी श्रुति चौधरी को कांग्रेस ने लोकसभा टिकट देने से इनकार किया तो वो बुधवार को भाजपा में शामिल हो गईं। जानिए हरियाणा की ताजा राजनीतिः
2019 के लोकसभा चुनाव में हरियाणा की सभी 10 सीटें जीतने वाली बीजेपी आख़िर इस बार पाँच सीटें कैसे गँवा दीं? जानिए, क्या है वजह है आगे राज्य की राजनीति पर क्या असर होगा।
हरियाणा में क्या 2019 की तरह बीजेपी फिर से सभी सीटों पर कमाल कर पाएगी या फिर किसान आंदोलन, अग्निवीर योजना, महिला पहलवानों का आंदोलन, पुरानी पेंशन योजना इस बार बीजेपी के लिए घातक साबित होंगे?