महाराष्ट्र में शिवसेना में बगावत के बाद से मचे उथल-पुथल का क्या मराठा वोटबैंक से कुछ लेनादेना है? क्या मराठा वोटरों में अब कन्फ्यूजन पैदा हो गया है और यदि ऐसा है तो इससे किसे फायदा होगा?
मराठा कोटा आंदोलन का नेतृत्व करने वाले मनोज जारांगे पाटिल के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने दो कड़े एक्शन लिए। उनके खिलाफ सबसे पहले एफआईआर दर्ज की गई। दूसरा उनके खिलाफ एसआईटी जांच का आदेश दिया गया है। यह सारी कार्रवाई महाराष्ट्र सरकार ने भाजपा द्वारा दबाव बनाए जाने पर की। महाराष्ट्र में अराजकता फैलाने का आरोप मनोज जारांगे पाटिल पर भाजपा ने लगाया है। जानिए वहां का घटनाक्रमः
महाराष्ट्र में मराठा कोटा आंदोलन फिर से जोर पकड़ रहा है। जालना में एक बस को जला दिया गया। यहां मराठा कोटा नेता मनोज जारांगे पाटिल ने विरोध जताने के लिए मुंबई जाने की घोषणा की है। कम से कम तीन जिलों में इंटरनेट बंद कर कर्फ्यू लगा दिया गया है।
महाराष्ट्र विधानसभा से मंगलवार को मराठाओं के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक पास हो गया है। अब इस विधेयक को महाराष्ट्र की शिंदे सरकार विधान परिषद में पेश करेगी।
मराठा कोटा आंदोलनकारी मनोज जरांगे पाटिल ने शनिवार सुबह घोषणा की है कि वो कोटा आंदोलन समाप्त कर रहे हैं। वो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के हाथों से जूस पीने के बाद इसे खत्म कर देंगे। आंदोलनकारी नवी मुंबई में जमा है। शिंदे वहां जाने वाले हैं। लेकिन सरकारी ड्राफ्ट से मराठा आंदोलनकारी कितना संतुष्ट हुए हैं, यह अलग बात है। जानिए शनिवार को हुआ घटनाक्रमः
महाराष्ट्र में मंगलवार 23 जनवरी से मराठा कोटे के लिए सर्वे शुरू होने जाने रहा है। यह सर्वे ऐसे समय हो रहा है जब राज्य में मराठा कोटे के लिए आंदोलन हो रहा है तो दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव 2024 नजदीक आ गया है। शिंदे सरकार पर दबाव बढ़ गया है। जानिए राजनीतिः
महाराष्ट्र में मराठा कोटे की मांग को लेकर 20 जनवरी से मुंबई में प्रदर्शन की चेतावनी देने वाले मनोज जरांगे पाटिल क्या प्रदर्शन कर पाएँगे? जानिए, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री ने अब क्या चेतावनी दी है।
मराठा आरक्षण को लेकर रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी जिस आयोग को दी गई थी उस आयोग में ही एक के बाद एक इस्तीफे क्यों हो रहे हैं? जानिए, पूरा मामला क्या है।
महाराष्ट्र में मराठा को कुनबी प्रमाणपत्र दिए जाने के अपने ही सरकार के फ़ैसले के ख़िलाफ़ छगन भुजबल ने मोर्चा क्यों खोल दिया? जानिए, उन्होंने सरकार से क्या मांग की है।
Satya Hindi news Bulletin हिंदी समाचार | इस मुस्लिम नेता के दावे से JDS में मचा हड़कंप; देवगौड़ा पर भी संकट? | तो हरियाणा में BJP-JJP की अलग होने वाली है राह?
महाराष्ट्र में लंबे समय से आंदोलनरत मराठा समुदाय को ओबीसी श्रेणी में आरक्षण मिलना मुश्किल दिख रहा है। मराठा समुदाय को ओबीसी श्रेणी में आरक्षण देने का ओबीसी नेता विरोध कर रहे हैं।
महाराष्ट्र में मराठा कोटे की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन उग्र रूप लेता जा रहा है और सरकार को मशक्कत करनी पड़ रही है। जानिए, आख़िर आंदोलन का नेतृत्व करने वाले मनोज जारांगे पाटिल कौन हैं।
मराठा कोटे पर बुधवार को सर्वदलीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि सभी दल मराठा आरक्षण पर सहमत हैं। लेकिन थोड़ा समय लगेगा। हम सभी कानूनी पहलू देख रहे हैं। उन्होंने आंदोलनकारियों से धैर्य रखने को कहा।
महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार में भी मराठा हैं, उसके पहले की सरकार में भी थे और जब सूबे में अकेले कांग्रेस की सरकार होती थी तब भी मराठा सत्ता में सर्वोपरि थे, तब मराठों को आरक्षण देने की मांग इतनी बलवती क्यों नहीं थी? अब क्यों है?