ECI Voter list Controversy: चुनाव आयोग पर बिहार और अन्य राज्यों में मतदाता सूची संशोधन की आड़ में गुप्त रूप से एनआरसी लाने का गंभीर आरोप लगा है। बिहार में जल्द ही चुनाव है। विपक्ष ने आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
गृह मंत्रालय ने बीते 11 मार्च को सीएए नियमों को अधिसूचित किया था। सीएए को संसद के दोनों सदनों द्वारा 11 दिसंबर, 2019 को पारित किया गया था। संसद से पारित होने के करीब 4 वर्ष के बाद इसके नियमों को अधिसूचित किया गया था।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आजादी के बाद काफी बड़े स्तर पर माइग्रेशन हुआ था। बहुत सारे लोग भारत से पाकिस्तान और बांग्लादेश गए थे और बहुत सारे लोग वहां से यहां आए थे। अब सीएए के वजह से जो माइग्रेशन होने वाला है वह उससे कहीं ज्यादा बड़ा होने वाला है।
भारत सरकार से संबंधित प्रेस इन्फॉरमेशन ब्यूरो (पीआईबी) की बेवसाइट पर केंद्र सरकार ने मंगलवार शाम को एक पॉजिटिव नैरिटिव नोट्स के जरिए बताया कि दुनिया के किसी भी कोने से मुसलमान अगर भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करते हैं तो उन्हें नागरिकता मिलेगी। नया सीएए कानून इसे रोकता नहीं है। लेकिन गृह मंत्रालय ने देर रात को वो नोट हटवा दिया। इससे पता चलता है कि सरकार कहीं न कहीं कुछ पसोपेश में है। मुसलमान नए कानून के खिलाफ आंदोलन भी नहीं कर रहा है। समझिए पूरी बातः
नागरिकता संसोधन अधिनियम या सीएए के विरोध में पश्चिम बंगाल की टीएमसी और उसकी नेता ममता बनर्जी मुखर होकर सामने आई हैं। सीएए के विरोध में ममता बनर्जी बुधवार को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में एक रोड शो निकालेंगी।
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने बुधवार को कहा कि वह असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से संबंधित याचिकाओं पर 17 अक्टूबर से सुनवाई शुरू करेगी।
असम में एक दर्दनाक घटना हुई है। सारे दस्तावेज पेश करने के बावजूद एनआरसी सूची में नाम आने पर मानिक दास ने खुदकुशी कर ली।
नागरिकता संशोधन क़ानून यानी सीएए के नियमों को ही तैयार करने में पाँच महीने और लग सकते हैं। एनआरसी के मामले में सरकार ने कहा है कि इसको पूरे देश में लागू किए जाने पर अभी तक फ़ैसला नहीं लिया जा सका है। ऐसा क्यों है?
पूरे देश भर में एनआरसी लागू करने की बात कहकर दहाड़ने वाले गृह मंत्री अमित शाह अब एनपीआर पर क्यों झुक गए हैं? आख़िर संसद में उन्हें क्यों यह कहना पड़ा कि एनपीआर पर कोई कागज दिखाने की ज़रूरत नहीं है।
बिहार में बीजेपी के ही सहयोगी जदयू के नेतृत्व वाली नीतीश कुमार सरकार द्वारा राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पास करने के बाद अब तमिलनाडु में भी इसकी तैयार चल रही है।
असम एनआरसी के तमाम डेटा उसकी वेबसाइट से गायब हो गए। कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट बिल्कुल खाली पड़ी है और उस पर कोई डेटा नहीं है।
एनआरसी पर सरकार पीछे हट रही है या इस पर नयी पैंतरेबाज़ी कर रही है? गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने क्यों कहा कि एनआरसी पर अभी तक फ़ैसला नहीं हुआ है? क्या इसका एक मतलब यह नहीं होता है कि बाद में इसे लाया जा सकता है? क्या चाहती है सरकार, देखिए शैलेश की रिपोर्ट में।
NRC को देश भर में लागू करने को लेकर गृह मंत्रालय ने आज लोकसभा में कहा है कि इसको देश भर में लागू करने को लेकर अभी कोई फ़ैसला नहीं लिया गया है। Satya Hindi
नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी गंभीर मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने की सरकार की कोशिशें हैं। इंडिया टुडे ग्रुप की ओर से किए गए सर्वे ‘मूड ऑफ़ द नेशन’ में यह बात सामने आई है।
नागरिकता संशोधन क़ानून की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाते हुए अब 106 सेवानिवृत्त अफ़सरों ने खुला पत्र लिखा है। उन्होंने एनपीआर और एनआरआईसी को ग़ैर ज़रूरी और बेकार बताया।
नागरिकता क़ानून, एनआरसी और एनपीआर पर क्या मोदी सरकार लोगों में भ्रम फैला रही है और यही नीतीश कुमार का जेडीयू भी कर रहा है?
शहूर पाकिस्तानी शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ का नागरिकता क़ानून, एनआरसी या नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर से भला क्या मतलब? उनकी मशहूर नज़्म 'हम भी देखेंगे' भारत के लोगों की ज़ुबान पर क्यों है? क्या यह नज़्म हिन्दू विरोधी है, या यह इसलाम के ख़िलाफ़ है? सत्य हिन्दी पर बता रहे हैं प्रमोद मल्लिक।
नागरिकता क़ानून और एनआरसी की वजह से भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ा नुक़सान पहुँचा है। भारत की पहचान क्या रही है? शांति के मार्ग पर चलने वाला देश है, उन्माद में विश्वास रखने वाला नहीं। विविधता वाला और धर्मनिरपेक्ष देश है। भारत का लोकतंत्र प्रेरणा स्रोत रहा है। लेकिन अब इस छवि को नुक़सान पहुँचा है। किसके कारण यह नुक़सान हुआ है? देखिए आशुतोष की बात।
विदेशी न्यायाधिकरण द्वारा विदेशी घोषित तथा डिटेंशन कैंप में मारे गए दुलाल चंद्र पाल के परिवार वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान पर आगबबूला हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं है।
देश का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा डिटेंशन सेंटर असम के ग्वालपाड़ा में बन रहा है और वह भी केंद्र के पैसे से, पर प्रधानमंत्री मान नहीं रहे हैं।
अमित शाह ने एक इंटरव्यू में एनपीआर और एनआरसी पर सफ़ाई दी और कहा कि दोनों के बीच कोई संबंध नहीं है। तो पहले उनकी पार्टी क्यों संबंध बताती रही थी? क्या शाह झूठ नहीं बोल रहे हैं? सत्य हिंदी पर देखिए आशुतोष की बात।
क्या है एनपीआर, क्या यह एनआरसी से जुड़ा हुआ है, इसमें क्या होगा, कौन सी जानकारियाँ एकत्रित की जाएंगी, जानिए इस ख़बर में।
पॉन्डीचेरी विश्वविद्यालय की गोल्ड मेडलिस्ट रबीहा अब्दुररहीम ने अपना पदक लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम के ख़िलाफ़ आन्दोलन कर रहे छात्रों के समर्थन में ऐसा किया।
सरकार ने पूरे देश में एनआरसी लागू करने के अपने फ़ैसले से पीछे हटने के संकेत दिए हैं। इस मामले में बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नक़वी और राम माधव का बयान आया है।
सरकार कह चुकी है कि पूरे देश भर में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी लागू किया जाएगा। क्या जो प्रक्रिया असम में अपनाई गई वही पूरे देश में लागू होगी?
देश का आम मुसलमान डरा हुआ है और वह एनआसी के मद्देनज़र अपने पहचान पत्र बनवा रहा है। मसजिदों में कैंप खुले हैं और वहाँ आने वालों की मदद की जा रही है।