जिस नागरिकता संशोधन क़ानून यानी सीएए को लेकर पिछले साल पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन हुए थे उसके नियमों व उपबंधों को ही तैयार करने में पाँच महीने और लग सकते हैं। संसद से पास कराए गए इस क़ानून को लागू करने में 1 साल से ज़्यादा की देरी हो चुकी है। यह देरी इसलिए हुई है कि किसी क़ानून को लागू कराने के लिए नियम व उपबंध तय किए जाते हैं जो अभी तक तैयार नहीं किए जा सके हैं। सीएए पर सफ़ाई देने वाली सरकार ने ही एनआरसी के मामले में कहा है कि इसको पूरे देश में लागू किए जाने पर अभी तक फ़ैसला नहीं लिया जा सका है। कहा जाता रहा है कि सीएए और एनआरसी आपस में जुड़े हैं और सीएए के बाद एनआरसी को लागू किया जाएगा। इसी वजह से इस पर काफ़ी विवाद हुआ है।
सीएए लागू कर रही तो क्या NRC पर डर रही है सरकार?
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- 3 Feb, 2021
नागरिकता संशोधन क़ानून यानी सीएए के नियमों को ही तैयार करने में पाँच महीने और लग सकते हैं। एनआरसी के मामले में सरकार ने कहा है कि इसको पूरे देश में लागू किए जाने पर अभी तक फ़ैसला नहीं लिया जा सका है। ऐसा क्यों है?

नागरिकता संशोधन अधिनियम को 12 दिसंबर, 2019 को अधिसूचित किया गया था और 10 जनवरी, 2020 को यह क़ानून बन गया था। लेकिन नियमों को बनाने में देरी के कारण यह क़ानून लागू नहीं हो पाया है।