दुनिया में तेल की कीमतें गिर रही हैं, लेकिन भारत के लोगों को उसका फायदा नहीं मिल रहा है। भारत ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क ₹2 प्रति लीटर बढ़ा दिया है। तमाम सवालों का जवाब तलाशती वरिष्ठ पत्रकार मधुरेंद्र सिन्हा की टिप्पणीः
तेल कंपनियां अगले महीने पेट्रोल और डीजल के दाम कम कर सकती हैं। इसकी वजह है उन्हें पिछले कई महीने से लाभ हो रहा है तो इसका फायदा वो उपभोक्ताओं को भी देना चाहती हैं। देश में अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में तेल की कीमतों के कम होने के प्रस्ताव को उससे जोड़ कर भी देखा जा सकता है।
क्या भारत में पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें जल्द ही 100 रुपए प्रति लीटर के पार चली जाएगी? क्या इससे पूरी अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी और महंगाई की दर एक बार फिर बढ़ने लगेगी?
कॉमेडियन श्याम रंगीला के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है। उन्होंने कहा है कि पेट्रोल की क़ीमतों पर वीडियो बनाने के लिए उनपर मुक़दमा दर्ज किया जा सकता है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने पेट्रोल पर लगने वाले मूल्य संवर्द्धित कर यानी वीएटी में एक रुपए की कमी कर दी है। ऐसा करने वाला यह चौथा राज्य बन गया है। इसके पहले असम, राजस्थान और मेघालय में भी इस तरह की कटौती की गई है।
पेट्रोल की क़ीमत लगातार बढ़ती जा रही है और हालात यह हैं कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में इसकी क़ीमत 100 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गयी है।
प्याज और सब्जी के आकाश छूते दाम, नए साल में 16 बार पेट्रोल - डीज़ल के भाव बढ़ गए, लेकिन इसकी चर्चा न संसद में है न ही अपने आप को मुख्यधारा का कहने वाले तथाकथित मीडिया के स्टूडियो में।
यह अजीब विडंबना है कि भारत में पेट्रोल और डीजल क़ीमत ऐसे समय में रिकॉर्ड ऊँचाई पर है, जब अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतें ऐतिहासिक रूप से न्यूनतम स्तर पर है।
पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती क़ीमतों को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है।
डीज़ल के दाम पेट्रोल से ज़्यादा? और दाम से ज़्यादा टैक्स? ऐसा कैसे चल सकता है!
भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं जबकि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चा तेल सस्ता हो गया है। कच्चे सस्ते तेल का फायदा आम आदमी को क्यों नहीं मिल रहा है।