एक बार फिर नये सिरे से राष्ट्रवाद के मुद्दे को खड़ा करने की कोशिश की जा रही है। इस बार शुरुआत दिल्ली से नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश से हो रही है। उत्तर प्रदेश की सरकार एक ऐसा क़ानून बनाने की सोच रही है जिसमें किसी भी निजी विश्वविद्यालय में अगर कोई ‘राष्ट्र-विरोधी गतिविधि’ होती पाई गई तो ऐसे विश्वविद्यालय की मान्यता रद्द हो सकती है।