'अल्ट्रा लेफ़्ट' से 'अल्ट्रा राइट' कैसे?
अपनी पहली ही फ़िल्म 'मृगया' से सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीतने वाले मिथुन चक्रवर्ती के बारे में शुरुआती दिनों में कहा जाता था कि वे नक्सली हैं। हालांकि इसका कोई सबूत कभी सामने नहीं आया, पर मिथुन 'अल्ट्रा लेफ़्ट' माने जाते थे। यह चौंकाने वाली बात है कि किसी जमाने में 'अल्ट्रा लेफ़्ट' माने जाने वाले मिथुन 'अल्ट्रा राइट' माने जाने वाली बीजेपी में कैसे और क्यों शामिल हो गए।
टीएमसी के सांसद थे मिथुन
मिथुन चक्रवर्ती सारदा समूह के एक टेलीविजन चैनल के लिए ब्रांड अम्बेसेडर बन गए थे, उसके लिए उन्हें 1.20 करोड़ रुपए दिए जाने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी एनफ़ोर्समेंट डाइरेक्टरेट ने उनसे पूछताछ की थी। उन्होंने वह रकम ईडी को दे दी और राज्यसभा से इस्तीफ़ा दे दिया।
ब्रिगेड की रैली में एलान
रविवार को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड पर आयोजित रैली में मंच पर ही मिथुन के पार्टी में शामिल होने का एलान किया गया। मिथुन ने राज्य बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष, राज्य के पार्टी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ली।
रविवार की सुबह तकरीबन 12 बजे मिथुन चक्रवर्ती जब काला चश्मा और काली टोपी पहने मंच पर पहुँचे तो बीजेपी कार्यकर्ताओं में जोश आ गया। मिथुन को मंच पर कैलाश विजयवर्गीय के बगल में बैठाया गया। बीजेपी नेताओं ने चक्रवर्ती को पार्टी का अंगवस्त्र पहनाकर उनका पार्टी में स्वागत किया। इसके बाद 70 वर्षीय अभिनेता ने पार्टी का झंडा हाथों में लेकर लहराया। भीड़ ने 'जय श्री राम' और 'भारत माता की जय' के नारों के साथ मिथुन का स्वागत किया।
पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने शनिवार को कोलकाता स्थित बेलगछिया इलाक़े स्थित मिथुन चक्रवर्ती के घर जाकर उनसे मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी। विजयवर्गीय ने लिखा था, "अभी देर रात कोलकाता के बेलगछिया में सिनेमा जगत के मशहूर अभिनेता मिथुन दा के साथ लम्बी चर्चा हुई। उनकी राष्ट्र भक्ति और ग़रीबों के प्रति प्रेम की कहानियाँ सुनकर मन गद-गद हो गया।"
'मैं हूँ कोबरा'
"यह तो मेरा पुराना डायलॉग है। मेरा नया डायलॉग है, मैं पानी में रहने वाला साँप नहीं हूँ, मैं बेलेघोड़ा साँप नहीं हूँ, मैं एकदम कोबरा हूँ। मैं मारूँगा तो फ़ोटोग्राफ़ बन जाओगे।"
मिथुन चक्रवर्ती का बीजेपी में शामिल होना अहम इसलिए है कि मिथुन अभी भी लोकप्रिय हैं। वे हिन्दी ही नहीं, बांग्ला फ़िल्मों में भी काम कर चुके हैं। किसी समय उन्हें पश्चिम बंगाल की युवा पीढ़ी 'गन मास्टर जी-नाइन' के नाम से जानती थी। उनकी फ़िल्म 'डिस्को डांसर' सुपर हिट हुई थी और उनका वह गाना 'आई एम अ डिस्को डान्सर' आज भी ऑर्केस्ट्रा वगैरह में बजाया जाता है।
आरएसएस प्रमुख से की थी मुलाक़ात
पश्चिम बंगाल बीजेपी का कोई नेता तथागत राय, दिलीप घोष या मुकुल राय लोकप्रियता के मामले में मिथुन चक्रवर्ती के सामने नहीं टिकते, लेकिन मिथुन चक्रवर्ती राजनेता नहीं हैं। यही उनकी कमज़ोरी भी है और मजबूती भी।
मिथुन चक्रवर्ती तृणमूल कांग्रेस में रह चुके हैं, वे ममता बनर्जी के नज़दीक भी थे। उन्हें मुख्यमंत्री चेहरा बना कर पेश करने से पश्चिम बंगाल का सत्तारूढ़ दल एकबार तो ज़रूर फँस जाएगा। मिथुन किसी समय भारतीय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कुछ नेताओं के भी नज़दीक थे। उनके आने से पश्चिम बंगाल बीजेपी को निश्चित रूप से फ़ायदा होगा। पार्टी को कम से कम मनोवैज्ञानिक असर डालने, कार्यकर्ताओं को लुभाने और सभाओं में भीड़ खींचने में मिथुन से सुविधा ज़रूर होगी।