BJP Suvendu Adhikari controversy on Joy Bangla: आरोप है कि पश्चिम बंगाल के हुगली में भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने 'जय बांग्ला' का नारा लगाने पर एक व्यक्ति को "खाल उधेड़ने" की धमकी दी। उसे रोहिंग्या बताते हुए जय श्रीराम बोलने को कहा।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता सुवेंदु अधिकारी एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। बुधवार को हूगली जिले में उनके काफिले के पास एक व्यक्ति द्वारा "जॉय बांग्ला" का नारा लगाने पर अधिकारी ने कथित तौर पर उस व्यक्ति को "खाल उधेड़ने" की धमकी दी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है।
क्या हुआ था?
हूगली जिले के पुरसुरा में सुवेंदु अधिकारी एक पार्टी कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे, जब उनके काफिले के पास सड़क किनारे खड़े एक व्यक्ति, मुंशी अली, ने "जॉय बांग्ला" का नारा लगाया। यह नारा पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और बांग्ला संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है। नारा सुनते ही सुवेंदु अधिकारी अपनी गाड़ी से उतरे और व्यक्ति से तीखी बहस शुरू कर दी। वायरल वीडियो में अधिकारी को यह कहते सुना जा सकता है कि वह व्यक्ति को "खाल उधेड़ देंगे"। इतना ही नहीं, उन्होंने व्यक्ति को "रोहिंग्या" और "पाकिस्तानी" जैसे अपमानजनक शब्दों से भी संबोधित किया।
मुंशी अली ने आरोप लगाया कि अधिकारी के निजी सुरक्षा कर्मियों ने उनके साथ मारपीट की, जिसके कारण उनकी बांह पर चोटें आईं। अली ने कहा, "मैंने केवल 'जॉय बांग्ला' का नारा लगाया, जो हमारे राज्य का नारा है। उन्होंने मुझे 'जय श्री राम' कहने के लिए मजबूर किया, लेकिन मैंने मना कर दिया। चाहे वे मेरा गला काट दें, मैं 'जय श्री राम' नहीं बोलूंगा।"
"सुवेंदु की गुंडागर्दी"
तृणमूल कांग्रेस ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और इसे बीजेपी की "गुंडागर्दी" करार दिया है। टीएमसी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर 1.2 मिनट का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "केवल दो शब्द 'जॉय बांग्ला' बीजेपी को हिलाने के लिए काफी हैं!" पार्टी ने सुवेंदु अधिकारी पर सामान्य नागरिकों पर हमला करने और सांप्रदायिक भाषा का उपयोग करने का आरोप लगाया। टीएमसी नेता नीलांजन दास ने X पर लिखा, "सुवेंदु अधिकारी एक ऐसा व्यक्ति बन गया है जो अपनी मातृभाषा के नारे को बर्दाश्त नहीं कर सकता। वह अपनी जड़ों के साथ गद्दारी कर रहा है।"
"जय श्री राम" का नारा
"जॉय बांग्ला" का नारा बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम और बंगाली संस्कृति का प्रतीक है, जिसे टीएमसी ने पश्चिम बंगाल में अपनी राजनीतिक पहचान के साथ जोड़ा है। 2021 में, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर लोगों से फोन पर "हैलो" की जगह "जॉय बांग्ला" कहने का आह्वान किया था। दूसरी ओर, बीजेपी का "जय श्री राम" नारा सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान से जुड़ा है, जिसे पार्टी ने अपने राजनीतिक अभियानों में प्रमुखता से इस्तेमाल किया है। यह घटना दोनों नारों के बीच एक नई राजनीतिक जंग का प्रतीक बन गई है।
विवादों में सुवेंदु
सुवेंदु अधिकारी पहले तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख नेता थे और ममता बनर्जी के करीबी सहयोगी माने जाते थे। 2020 में उन्होंने टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया और 2021 के विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम से ममता बनर्जी को हराकर सुर्खियां बटोरीं। इसके बाद से वे लगातार विवादों में रहे हैं। 2021 में, उनकी "मिनी पाकिस्तान" टिप्पणी के लिए चुनाव आयोग ने उन्हें चेतावनी दी थी। हाल ही में, उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों की निंदा करते हुए कहा था कि भारत यदि बांग्लादेश को 97 वस्तुओं का निर्यात बंद कर दे, तो वहां की अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी।
यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब पश्चिम बंगाल में बीजेपी और टीएमसी के बीच तनाव चरम पर है। हाल ही में, सुवेंदु अधिकारी ने टीएमसी नेताओं पर "पाकिस्तानी दृष्टिकोण" अपनाने का आरोप लगाया था और उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की थी। दूसरी ओर, टीएमसी ने बीजेपी पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है। इस घटना के बाद, हूगली में स्थानीय लोगों और टीएमसी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किए, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है।
मुंशी अली ने दावा किया है कि वह इस मामले में कानूनी कार्रवाई करेंगे। उनके अनुसार, सुवेंदु अधिकारी और उनके सुरक्षा कर्मियों ने उनके साथ मारपीट की और अपमानजनक टिप्पणियां कीं। पुलिस ने अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन टीएमसी ने मांग की है कि अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
इस बीच, सोशल मीडिया पर "जॉय बांग्ला" और "जय श्री राम" नारों को लेकर बहस तेज हो गई है। X पर कई यूजर्स ने सुवेंदु अधिकारी के व्यवहार की निंदा की है।
यह घटना पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है। बीजेपी और टीएमसी के बीच पहले से ही चल रही तनातनी को यह वीडियो और हवा दे सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि सुवेंदु अधिकारी का यह व्यवहार बीजेपी की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है, खासकर तब जब पार्टी 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रही है।