इज़राइल पर हमास का यह हमला अचानक नहीं था। दो साल से इसकी तैयारी चल रही थी। यह बेहद ही गुप्त अभियान था। इतना गुप्त कि हमले से पहले तक कुछ लोगों को छोड़कर हमास में भी इसके बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं थी। दो लोगों ने योजना बनाई। एक मास्टरमाइंड था। इज़राइल को इसकी भनक तक नहीं लगी और उसके ही सैनिकों के सामने हमास के लड़ाकों को इस अभियान के लिए ट्रेनिंग दी गई। ऐसा दावा हमास के ही सूत्रों ने किया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यात न्यूज़ एजेंसी रायटर्स ने सूत्रों के हवाले से यह ख़बर दी है।
दो साल से थी हमास की तैयारी, इज़राइली सैनिकों के सामने ट्रेनिंग, पर बेख़बर रहे
- दुनिया
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- 11 Oct, 2023
तकनीकी तौर पर संपन्न और दुनिया भर में अव्वल मोसाद जैसी खुफिया एजेंसी वाले इज़राइल में हमास ने घातक हमला कर दिया और इज़राइल को इसकी खुफिया जानकारी तक नहीं मिली। ये कैसे संभव हुआ? जानिए, हमास ने ये सब कैसे किया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हमले के पीछे का गुप्त मास्टरमाइंड हमास का प्रमुख मोहम्मद दाइफ़ है। शनिवार को हमास द्वारा ग़ज़ा पट्टी से हजारों रॉकेट दागे जाने के दौरान प्रसारित एक ऑडियो टेप में दाइफ़ ने इसे अल अक्सा फ्लड कहा। इससे यह संकेत देने की कोशिश की गई कि यह हमला यरूशलम की अल अक्सा मस्जिद पर इजराइली छापे का बदला था। बता दें कि मई 2021 में इस्लाम के तीसरे सबसे पवित्र स्थल अल अक्सा मस्जिद पर इज़राइल ने छापे मारे थे। इस कार्रवाई ने अरब और मुस्लिम दुनिया को नाराज कर दिया था। कहा गया कि 'इजराइल द्वारा रमज़ान के दौरान अल अक्सा मस्जिद पर हमला करने, नमाजियों को पीटने, उन पर हमला करने, बुजुर्गों और युवाओं को मस्जिद से बाहर खींचने के फुटेज से गुस्सा भड़का।' दाइफ़ ने रिकॉर्डिंग में कहा कि आज अल अक्सा का गुस्सा, हमारे लोगों और राष्ट्र का गुस्सा फूट रहा है।