अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को घोषणा की कि उन्होंने रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव के "अत्यधिक उत्तेजक" बयानों के जवाब में दो परमाणु पनडुब्बियों को "उपयुक्त क्षेत्रों" में तैनात करने का आदेश दिया है। रूस ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दोनों पनडुब्बियां निशाने पर हैं।
ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा, "रूस के पूर्व राष्ट्रपति और अब रूसी सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव के उत्तेजक बयानों के आधार पर, मैंने दो परमाणु पनडुब्बियों को उपयुक्त क्षेत्रों में तैनात करने का आदेश दिया है, ताकि यह सुनिश्चित हो कि ये मूर्खतापूर्ण और भड़काऊ बयान केवल शब्दों तक सीमित न हों।" 
ट्रम्प ने अपनी पोस्ट में यह भी जोड़ा, "शब्द बहुत महत्वपूर्ण होते हैं और अक्सर अनचाहे नतीजों को जन्म दे सकते हैं। मुझे आशा है कि यह ऐसा मामला नहीं होगा।" हालांकि, ट्रम्प ने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये पनडुब्बियां परमाणु-संचालित हैं या परमाणु हथियारों से लैस हैं, न ही उन्होंने तैनाती के सटीक स्थानों का उल्लेख किया।
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रूस का ट्रंप को करारा जवाब 

रूसी संसद ड्यूमा के एक सदस्य ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भेजी गई दो अमेरिकी पनडुब्बियों से निपटने के लिए समुद्र में पर्याप्त रूसी परमाणु पनडुब्बियाँ मौजूद हैं। वरिष्ठ रूसी सांसद विक्टर वोडोलात्स्की ने कहा  "दुनिया के महासागरों में रूसी परमाणु पनडुब्बियों की संख्या अमेरिकी पनडुब्बियों से काफ़ी ज़्यादा है, और जिन पनडुब्बियों को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उचित क्षेत्रों में भेजने का आदेश दिया है, वे लंबे समय से उनके नियंत्रण में हैं। इसलिए, पनडुब्बियों के बारे में अमेरिकी नेता के बयान पर रूसी संघ की ओर से कोई प्रतिक्रिया जरूरी नहीं है।"  यह खबर रूस की न्यूज एजेंसी तास ने दी है।

रूसी सांसद ने कहा, "दोनों अमेरिकी पनडुब्बियों को रवाना होने दीजिए, वे लंबे समय से निशाने पर हैं।" उन्होंने कहा, "रूस और अमेरिका के बीच एक बुनियादी समझौता होना ज़रूरी है ताकि पूरी दुनिया शांत हो जाए और तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत की बातें करना बंद कर दे।"

यह सारा घटनाक्रम तब सामने आया जब मेदवेदेव ने गुरुवार को ट्रम्प को चेतावनी दी थी कि वे रूस के साथ "अल्टीमेटम का खेल" न खेलें। मेदवेदेव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया था कि ट्रम्प को यह याद रखना चाहिए कि रूस के पास सोवियत-युग की परमाणु हमले की क्षमताएं हैं।

अमेरिका और रूस दुनिया के अधिकांश परमाणु हथियारों को नियंत्रित करते हैं, और वाशिंगटन अपनी परमाणु त्रिकोणीय रणनीति के तहत जमीन, समुद्र और हवा से प्रक्षेपित हथियारों को तैनात रखता है।

इस बीच, ग्लोबल अफेयर्स पत्रिका में रूस के प्रधान संपादक, फ्योदोर लुक्यानोव ने कहा कि ट्रंप के परमाणु पनडुब्बी वाले बयान को अभी गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। लुक्यानोव ने स्थानीय निजी समाचार चैनल आरबीसी टीवी से कहा, "जैसा कि हम जानते हैं, ट्रंप अपना चैनल चलाते हैं और भावनात्मक, मानवीय और सहज प्रतिक्रिया देते हैं। मुझे लगता है कि अमेरिकी सशस्त्र बल और नौसेना इसे बड़े आश्चर्य से पढ़ेंगे। अगर विचारों का यह आदान-प्रदान जारी रहा और ट्रंप इसमें उलझते रहे, तो किसी न किसी तरह, उन्हें शायद कोई कदम उठाना ही होगा। मेरे विचार से, अभी तक यह सिर्फ़ शब्दों तक ही सीमित है।"
इससे पहले, अमेरिकी विदेश विभाग के सचिव मार्को रुबियो के फॉक्स न्यूज के साथ हाल ही में दिए गए इंटरव्यू पर मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि रूस अमेरिकी प्रशासन से सहमत है कि मॉस्को और वाशिंगटन के बीच सीधा सैन्य टकराव नहीं होना चाहिए।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब ट्रम्प ने मंगलवार को कहा था कि रूस को यूक्रेन में युद्धविराम के लिए 10 दिनों का समय है, अन्यथा रूस और उसके तेल खरीदारों पर टैरिफ लगाए जाएंगे। 


ट्रम्प का यह कदम रूस के साथ बढ़ते तनाव को दर्शाता है, खासकर यूक्रेन युद्ध को लेकर। विश्लेषकों का कहना है कि यह तैनाती दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकती है। हालांकि, ट्रम्प ने अपनी पोस्ट में यह भी कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि यह कदम केवल एक निवारक उपाय साबित होगा और स्थिति नियंत्रण से बाहर नहीं जाएगी।
यूक्रेन की राजधानी पर रूस के इस साल के सबसे भीषण हवाई हमले में मरने वालों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर 31 हो गई, जब बचावकर्मियों ने कीव में रात भर ढहे एक अपार्टमेंट के मलबे से एक दर्जन से ज़्यादा शव बरामद किए। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने शुक्रवार को बचाव अभियान की समाप्ति की घोषणा करते हुए बताया कि गुरुवार को हुए रूसी ड्रोन और मिसाइल हमले में मृत पाए गए पाँच बच्चों में एक दो साल का बच्चा भी शामिल है। इन हमलों में कुल 159 लोग घायल हुए हैं, जिनमें रूस ने गुरुवार तड़के 300 से ज़्यादा ड्रोन और आठ मिसाइलें दागीं।