वैश्विक मंच पर आज एक सवाल गूंज रहा है- क्या दुनिया फिर से दो खेमों में बँट रही है? एक तरफ़ जी-7, जो पश्चिमी देशों का गठजोड़ है, और दूसरी तरफ ब्रिक्स, जो उभरती अर्थव्यवस्थाओं का मंच है। हाल ही में कनाडा में होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करने को लेकर विवाद सुर्खियों में रहा। क्या जी-7 और ब्रिक्स एक-दूसरे के विरोधी हैं? क्या यह नया शीत युद्ध है? और भारत इस शक्ति संतुलन की जटिल लड़ाई में कहाँ खड़ा है?
G-7 VS BRICS: नये शीतयुद्ध की आहट!
- विश्लेषण
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- 11 Jun, 2025

विश्व मंच पर G-7 और BRICS देशों के बीच बढ़ती खींचतान ने एक नये शीतयुद्ध की आहट दे दी है। कूटनीति, अर्थव्यवस्था और वैश्विक वर्चस्व को लेकर यह टकराव कितना गहरा है? जानिए विस्तार से।
कनाडा जी-7 सम्मेलन विवाद
कनाडा में 15-17 जून 2025 को अल्बर्टा के कनानस्किस में होने जा रहा जी-7 शिखर सम्मेलन चर्चा में है। भारत जी-7 का सदस्य नहीं है, लेकिन 2019 से पीएम नरेंद्र मोदी को विशेष अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया जाता रहा है। इस बार, शुरू में ख़बर आई कि कनाडा ने मोदी को न्योता नहीं दिया। 3 जून 2025 को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट कर इसे भारत की कूटनीतिक हार बताया। कुछ एक्स यूजरों ने भारत की वैश्विक हैसियत पर सवाल उठाए, जबकि समर्थक मीडिया ने जी-7 की प्रासंगिकता को ही खारिज करने की कोशिश की।