वैश्विक मंच पर आज एक सवाल गूंज रहा है- क्या दुनिया फिर से दो खेमों में बँट रही है? एक तरफ़ जी-7, जो पश्चिमी देशों का गठजोड़ है, और दूसरी तरफ ब्रिक्स, जो उभरती अर्थव्यवस्थाओं का मंच है। हाल ही में कनाडा में होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करने को लेकर विवाद सुर्खियों में रहा। क्या जी-7 और ब्रिक्स एक-दूसरे के विरोधी हैं? क्या यह नया शीत युद्ध है? और भारत इस शक्ति संतुलन की जटिल लड़ाई में कहाँ खड़ा है?